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पुलिसाधीक्षक बस्ती श्रीवास्तव जी के संज्ञान में ही नही मामला मीडिया सेल लगा रहा रिपोर्ट, दौलत के सामनें न्याय हुआ बौना, बेटी के साथ चाचा, बाप व सहयोगी नें की छेड़छाड़।

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बस्ती। पीड़िता के घरेलू समान को ले जाने से विरोध सगे चाचा द्वारा किये जाने के सम्बन्ध में कई शिकायतें लगातार एक बेटी द्वारा थानाध्यक्ष मुण्डेरवा से लेकर आलाधिकारियों तक दी गयी लेकिन स्वर्ण व्यवसायी के चंद सिक्कों की खनक के सामनें समाज के लिये निष्ठापूर्वक जिम्मेदारियों के निर्वाहन का दम्भ भरनें वाले जिम्मेदार अपनी मर्यादा व जिम्मेदारियों से मुकर कर दोषियों के ही पक्ष में वकालत नामा लगानें लगे, वहीं पुलिस अधीक्षक बस्ती जो की चित्रगुप्त वंशज हैं, लेकिन उन्होंनें मुद्दा संज्ञान में होना नही स्वीकार किया जबकि स्वयं श्रीवास्तव जी नें क्षेत्राधिकारी रूदौली को उक्त मसले की जांच करनें हेतु पत्र पर आदेशित किया है जिसका साक्ष्य आखिरी सच टीम के पास सुरक्षित है।



बेटी कुमारी अंकिता वर्मा पुत्री जयचन्द्र वर्मा मूल निवासी किठिउरी थाना– मुण्डेरवा जिला बस्ती की रहने वाली है, बेटी के सगे चाचा प्रेम चन्द्र वर्मा शातिर अपराधी किस्म के व्यक्ति है, जिनके परेशान करने के कारण प्रार्थिनी सपरिवार अपने मूल स्थान को छोड़कर बाँसी क्षेत्र जिला सिद्धार्थ नगर जाकर बस गयी इधर प्रार्थिनी का सारा घरेलू सामान मूल स्थान पर पड़ा था। जिसे लेने दिनांक 18 दिसम्बर 2022 को अपने घर गयी थी। जहां पहुँचनें पर स्थानीय थाना मुण्डेरवा बस्ती में हस्तलिखित तहरीर इस आशय का दिया कि पीडि़त बेटी के चाचा प्रेम चन्द्र वर्मा सामान ले जाने पर आपत्ति कर सकते है।



जिस पर पुलिस द्वारा आश्वासन भी दिया गया था कि आओ व सामान ले जाओ, जिसके बाद पीड़िता बेटी अपनी माँ श्रीमती किरन वर्मा के साथ सामान लेने अपने मूल निवास पिकअप लेकर पहुँची उस समय सगे चाचा व अन्य परिजन व स्थानीय थाने की पुलिस की मौजूदगी में सामान नहीं ले जाने दिये। जिस पर पीडि़ता अपनी माँ श्रीमती किरन वर्मा व अपने छोटे भाई अवनिक वर्मा के साथ तत्काल थाना मुण्डेरवा पहुँची जहाँ पर थाने का दलाल वीनस जयसवाल व एक महिला जिसका नाम मालती देवी व सरस्वती देवी है, थाने पर ही मौजूद थी। जब पीड़िता ने अपनी बात थान प्रभारी से बताई तो थाना प्रभारी बोले इस मामले में मैं नही पडूँगा।



इस पर कन्हैया पाण्डेय हल्का दरोगा ने तैस में आकर पीड़िता की माँ को थाना परिसर में ही गाली गुप्ता देने लगे। तथा वीनस जयसवाल ने पीड़िता और उसकी माँ के साथ छेड़खानी किया तथा माँ किरन वर्मा के गले का मंगल सूत्र छीन लिये साथ ही प्रार्थिनी के कान की बाली जो सोने की थी छीन लिये, दरोगा कन्हैया पाण्डेय ने पीड़िता के छोटे भाई अवनिक वर्मा को एक थप्पड़ मारा तथा पीड़िता के साथ अश्लील हरकत किये तथा पीड़िता अंकिता वर्मा को बुरा भला भी कहा।



पीड़िता ने इसका विरोध किया और 112 नं० पुलिस व 1076 पर इसकी शिकायत की व थाने पर प्रार्थना पत्र दिया लेकिन कोई कार्यवाही आजतक नहीं हुई। फिर दिनांक 24 दिसम्बर 2022 को जयचन्द्र वर्मा नें एक व्यक्ति से संदेशा भेजवाया कि आओ और अपना सामान ले जाओ। जिसपर पीड़िता लगभग दो बजे दोपहार में ग्राम- किठिउरी गई और घर के अंदर गई तो विनस जायसवाल ने मेरा हाथ पकड़ लिया और घसीटते हुए कमरे के अंदर ले गये। वहाँ पर जयचन्द्र वर्मा, प्रेमचन्द्र वर्मा आदि लोग मौजूद थे।



वीनस जायसवाल हम पीड़िता के साथ जबरन छेड़खानी करने लगे। पीड़िता उसका विरोध किया और हाथ- पांव चलाने लगी, तभी जयचन्द्र वर्मा और प्रेमचन्द्र वर्मा ने पीड़िता का हाथ पांव पकड़ लिया और वीनस जायसवाल नें पीड़िता के नाजुक अंगो को दबाने लगे और मेरे प्राइवेट पार्ट को अपनी उंगली से टच करने लगे। ये सब लोग मिलकर पीड़िता के साथ लगभग 10 मिनट तक दुष्कर्म करने की कोशिश कर रहे थे।


जयचंद वर्मा पीड़िता के पिता

प्रेमचंद वर्मा पीड़िता के ताऊवीनस जायसवाल


पीड़िता रोने लगी और हाथ जोड़कर कही कि हमें छोड़ दो। फिर इन लोगों ने कहा कि जाओ साली आज के बाद आओगी तो हम सब मिलकर तुम्हारे साथ रेप करेगें। पीड़िता डर से तुरन्त बस्ती शहर आई और फोन पर सारी बातें अपनी माँ को बताई और पुलिस अधीक्षक महोदय, बस्ती को प्रार्थना पत्र जन सुनवाई व ट्यूटर के माध्यम से पुलिस को सूचना दिया। जिसपर पुलिसाधीक्षक द्वारा क्षेत्राधिकारी रूदौली को जांच करनें का आदेश दिया, जबकि आज दिनांक 1 जनवरी 2023 को पुलिसाधीक्षक नें मामला संज्ञान में न होना बताया।



जिसकी शिकायत पीड़िता नें आलाधिकारियों से करते हुए तत्काल कानूनी कार्यवाही करने हेतु लिखा, जिसमें पीड़िता नें अपनें घरेलू सामान को वापस दिलाया जानें की बात कही, जिससे पीड़िता के परिवार वालों को न्याय मिल सकें। साथ ही छीनी गयी पीड़िता के कान की बाली व माँ किरन वर्मा के सोने का मंगल सूत्र वापस दिलाया जाये।



सोशल मीडिया सेल जनपद बस्ती का जवाब

पुलिस जांच में पाया गया कि आवेदिका की माता व पिता जयचन्द्र वर्मा के बीच आपसी सम्बंध ठीक नही थे। जिस कारण आवेदिका की माता दो वर्ष पूर्व अपने बच्चों के साथ अपने मायके चली गयी थी तथा पति जयचन्द्र वर्मा पर भरण पोषण, दहेज उत्पीड़न तथा घरेलु हिंसा के सम्बंध में मा० न्यायायलय जनपद संतकबीर नगर तथा जनपद सिद्धार्थनगर में कई वाद दायर किये गये है, जो मा० न्यायलय में विचाराधिन है। जयचन्द्र वर्मा व प्रेमचन्द्र वर्मा दो भाई है, जिनका तीन जगह मकान है, दो मुण्डेरवा थाना अन्तर्गत व एक कस्बा बांसी सिद्धार्थनगर में है। आवेदिका की माता अपने बच्चों के साथ दिनांक 22 अक्टूबर 2022 को कस्बा बांसी वाले मकान पर जयचन्द्र वर्मा के बिना अनुमति के जाकर रहने लगी, जिसका जयचन्द्र वर्मा द्वारा स्थानीय पुलिस व डायल -112 को शिकायत दर्ज करायी गयी थी। इसके उपरान्त दिनांक 18 दिसम्बर 2022 को आवेदिका द्वारा थाना मुण्डेरवा से मदद मांगी गयी कि आवेदिका के गरम कपड़े कस्बा मुण्डेरवा वाले मकान में रह गये है, जिसे निकलवाया जाय।

जिसपर थाना मुण्डेरवा से एक पुलिस कर्मी को भेजा गया, घर जाने पर आवेदिका के बड़े पिता प्रेमचन्द्र वर्मा द्वारा बताया गया कि यह आवेदिका के पिता का कमरा है, जो अभी घर पर नही है तथा शक जताया गया कि आवेदिका की माता द्वारा कस्बा बासी जनपद सिद्धार्थनगर में स्थित मकान पर कब्जा करने के बाद पुनः कस्बा मुण्डेरवा में स्थित मकान पर कब्जा करने के आशय से अपने साथ 10 से 15 लोगों को लेकर आयी है, जिसपर थाना मुण्डेरवा पुलिस द्वारा आवेदिका व उसकी माता को बताया गया की आप अपने पिता के साथ आये या राजस्व विभाग के सक्षम अधिकारी को प्रार्थनापत्र देकर अनुतोष प्राप्त करें।



इस प्रकार 18 दिसम्बर 2022 को सम्पूर्ण घटना क्रम के दौरान थाना मुण्डेरवा का एक पुलिस कर्मी मौजुद था तथा किसी प्रकार की कोई घटना घटित नही हुई थी, जिससे 18 दिसम्बर 2022 को जितने भी आरोप लगाये गये हैं सभी आरोप निराधार व असत्य है तथा दिनांक 24 दिसम्बर 2022 को लगाये गये आरोपों की गोपनीय जांच व घटना स्थल के आस पास के लोगों से पूछताछ की गयी तो आवेदिका का दिनांक 24 दिसम्बर 2022 को कस्बा मुण्डेरवा के मकान पर जाना नही पाया गया।



इस प्रकार समस्त जांच में पाया गया की आवेदिका दिनांक 18 दिसम्बर 2022 को कस्बा मुण्डेरवा के घर से सामान ले जाने से विपक्षी द्वारा रोका गया जिस कारण आरोप लगा रही है। जांच में आवेदिका द्वारा लगाये गये आरोपो के सम्बंध में कोई पुष्टिकारक साक्ष्य नही पाया गया।


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