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मध्यप्रदेश सरकार के गुजरे 2022 की उपलब्धियां व नाकामी की कुछ खट्टी मीठी यादें।

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भोपाल। मध्यप्रदेश शांति के साथ ही षड्यंत्र का टापू है, यहाँ सरकार के विरूद्ध अशांति फैलाने वालों की खैर नहीं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कड़े व षड्यंत्र पूर्ण फैसलों और प्रशासनिक कसावट से आज प्रदेश में नियोजित षड्यंत्र का राज स्थापित है। प्रदेश की शांति व्यवस्था में खलल डालने की कोशिश करनें वालों को कड़ी कार्यवाही का सामना करना पड़ रहा है। माताओं, बहनों, बेटियों की ओर गलत नजर उठाने वालों के घरों पर तथाकथित रूप से बुलडोजर चल रहे हैं। बच्चियों के साथ दुराचार करने वालों को मृत्युदंड दिया जा रहा है। एंटी माफिया अभियान चलाकर दुर्जनों को कुचलने की कार्यवाही के नाम पर मजबूरों को सख्ती से कुचलनें की कार्यवाही की जा रही है।



कानून व्यवस्था में वर्ष 2022 ऐतिहासिक उपलब्धियों वाला रहा है। जिस प्रदेश के एसपी व डीजीपी का फोन न उठाया जाय, तथा थानों के मोबाइल ज्यादातर नाट रीचेवल रहें वहां, भोपाल और इंदौर की कानून व्यवस्था को चुस्त- दुरूस्त बनाये रखने के लिये पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू की गई। पिछले 23 सालों में पहली बार वर्ष 2022 में एक वर्ष में एक करोड़ 14 लाख रुपए के 6 इनामी नक्सली मार गिराये गए। इतिहास में प्रथम बार डिविजनल कमांडर स्तर के नक्सली को मार गिराया गया और 2 एके-47 जब्त की गई। प्रदेश से नक्सलवाद के समूल नाश के लिए यह एक सशक्त और प्रभावी कार्रवाई रही।

प्रदेश से डकैतों की समस्या को जड़ मूल से मिटाने का संकल्प लगभग पूर्ण हो गया है। आज प्रदेश से डकैतों के सभी बड़े लिस्टेड गैंग खत्म करनें के क्रम में उनके आकाओं को सत्ता तक पहुंचा कर गैंगों को समाप्त करवा दिया गया हैं। वर्ष 2022 में आतंकी गुट के मॉड्यूल को ध्वस्त कर 4 विदेशी आतंकी गिरफ्तार किए गए। प्रतिबंधित संगठन पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) के 25 से अधिक सक्रिय सदस्य और पदाधिकारी गिरफ्तार किए गए। वहीं सत्ता का संरक्षण प्राप्त नवोदित स्थानीय युवाओं को आतंकी फैक्ट्री संचालित करनें का जिम्मा दे दिया गया है।

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प्रदेश में एंटी माफिया अभियान चलाकर भू-माफिया, चिटफंड माफिया, शराब माफिया, रेत माफिया, राशन माफिया, मिलावट माफिया और दबंगों के विरुद्ध सख्ती से कार्यवाही की जा रही है। भू- माफियाओं से 23 हजार एकड़ शासकीय भूमि मुक्त कराई गई। अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध 3 हजार 612 प्रकरण दर्ज कर 294 अपराध पंजीबद्ध किये गये। शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा करने वाले 44 व्यक्तियों के विरूद्ध एनएसए और 97 आरोपियों के विरूद्ध जिला बदर की कार्यवाही की गई। रेत माफियाओं के विरूद्ध 2 हजार 331 अपराध पंजीबद्ध कर एक हजार 676 आरोपी गिरफ्तार कर 2 हजार 633 चार पहिया वाहन जप्त किये गये। राशन माफियाओं के खिलाफ 391 अपराध पंजीबद्ध कर 343 आरोपी गिरफ्तार कर लगभग 35 करोड़ रूपये के खाद्य पदार्थ जप्त किये गये।

चिटफंड माफियाओं के विरूद्ध कार्रवाई कर 12 हजार 18 निवेशकों को 26 करोड़ 64 लाख रूपये वापस दिलाये गये। मिलावट करने वाले तत्वों के विरूद्ध कार्रवाई कर 10 व्यक्तियों को रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) में निरूद्ध किया गया। अवैध शराब कारोबारियों पर दबिश देकर एक लाख 27 हजार 454 प्रकरणों में एक लाख 28 हजार 698 आरोपी को गिरफ्तार किया गया। अवैध शराब कारोबारियों के विरूद्ध विगत वर्ष की तुलना में वर्ष 2022 में 23 प्रतिशत अधिक प्रकरण दर्ज किये गये। जबकि ग्वालियर जिले में रोड पर गाड़ियों से अवैध वसूली करनें वालों के खिलाफ शिवराज मामा की व्यवस्था असफल रही है।

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नारी शक्ति के सम्मान को ठेस पहुँचाने वालों से भी प्रदेश में सख्ती से तथाकथित रूप से निपटा जा रहा है। ऐसे दुष्ट व्यक्तियों के घरों पर बुलडोजर चलाए जा रहे हैं। जोर- जबरदस्ती, बहला-फुसलाकर विवाह और धर्म परिवर्तन को रोकने के लिये धर्म स्वातंत्र्य विधेयक लागू किया गया। अब तक इसमें 110 से अधिक प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। जबकि कई बेंटियां भेड़ियों के छद्म प्रेम के कारण बलात्कार का शिकार हुई हैं। वर्ष 2018 से अब तक मासूम बच्चियों से दुष्कर्म करने वालों करने वाले 42 दोषियों को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है। ऑपरेशन मुस्कान में वर्ष 2022 में अपहृत 9 हजार 413 बालिकाओं और 2 हजार 205 बालकों को मुक्त कराया गया।

समाज में अराजकता फैलाने वाले असामाजिक तत्वों से निपटने के लिए सख्त कानून बनाए गए हैं। अब निजी और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाने वालों से कानूनी रूप से वसूली की जा रही है। खरगोन में “शिव डोला” धार्मिक उत्सव में पत्थरबाजी करने वाले असामाजिक तत्वों से कानूनन वसूली की कार्यवाही की जा रही है। पत्थरबाजी से सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाने के 310 से अधिक आपराधिक प्रकरण दर्ज किए जा जाकर कार्यवाही की जा रही है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान के समग्र नेतृत्व के परिणामस्वरूप प्रदेश को इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा डिजिटल इंडिया अवार्ड 2022 से सम्मानित किया गया। इसके अलावा प्रदेश को ई-विवेचना एप के उपयोग के लिये “इनिशिएटिव एट ग्रास रूट लेवल केटेगरी” में प्रथम पुरस्कार मिला। एन्युअल इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटी समिट में मध्यप्रदेश सायबर पुलिस को पुलिस की क्षमता निर्माण में प्रथम पुरस्कार और सायबर कॉप ऑफ द ईयर में दूसरा पुरस्कार मिला है।

वही पुलिस की निष्क्रियता के चलते कई मुद्दों में अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं की गई वहीं अपराधियों को संरक्षण भी दिया गया। जबकि बुलडोजर कार्यवाही के अंतर्गत कुछ जाति विशेष के लोगों के घर पर ही माननीय श्री शिवराज सिंह चौहान जी के निर्देशन में बुलडोजर चलवाये गए। जबकि सरकार द्वारा उपरोक्त विषयों पर जहां तमगा हासिल किया गया वहीं शिवराज चौहान सरकार में कई एक मुद्दों पर सरकार ने मुंह की खाई।

श्रमोदय विद्यालय भोपाल की इंचार्ज प्रधानाचार्य अभिनिका पाण्डेय का शासन काल अधीनस्थों व छात्रों के लिये काल, सीबीआई जांच में कार्यकाल के जांच में निकलेगी जरूर हिटलरशाही।

इसी के क्रम में हम आपको बताते चलें कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण के नाम पर शिवराज चौहान ने ईडब्ल्यूएस कोटे के 1039 पदों को ही समाप्त करवा दिया। वहीं शासन व शैक्षणिक संस्थानों में कार्यरत जिम्मेदारों के द्वारा गठजोड़ के अंतर्गत कई अध्यापकों को व अन्य कर्मचारियों को अपनी सेवा से बिना किसी कारण के ही फर्जी अभियोग लगाकर बेदखल किया गया। वही हम आपको बताते चलें कि भोपाल श्रमोदय विद्यालय समिति में एक अध्यापक की पिटाई से उकता कर एक बच्चे ने आत्महत्या कर ली। जिसको बाद में पुलिस प्रशासन एवं शासन की मिलीभगत से ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

वहीं मध्यप्रदेश शासन की आकृतियां का जीता जागता उदाहरण श्रमोदय आवासीय विद्यालय भोपाल की तत्कालीन प्रधानाध्यापिका श्रीमती विनीता पांडे द्वारा बच्चों के अधिकारों पर विभिन्न माध्यमों से समय- समय पर डकैती डाली गई।



वही हम आपको बताते चलें कि माननीय शिवराज सरकार में इंदौर श्रमोदय विद्यालय जो कि सरकार ने गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए बनाया था, लेकिन उक्त विद्यालय वर्तमान में प्रेम विवाह करवाने के लिए काफी समर्पित भाव से काम कर रहा है।

जिसपर आखिरी सच परिवार की ओर से माननीय शिवराज सिंह चौहान व उनके स्कूल संचनालय विभाग से अनुरोध किया जाता है, कि उक्त विद्यालय को प्रेमी-प्रेमिका मिलन व विवाह नियोजन केंद्र के रूप में मान्यता दें, जिससे कि उक्त विद्यालय प्रेमी प्रेमिका के शादी करवाने के अनुपम प्रयास में अपनी मातहती जिम्मेदारी निर्वाहित कर सकें।


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