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रेखा उर्फ अंजलि कांझावला हारर पर सहेली के बयान षड़यंत्र मात्र व हत्याकांड पर आखिरी सच के एक दर्जन अनसुलझे सवाल, दिल्ली पुलिस नही भाजपा नियोजित प्रोपेगैंडा।

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कांझावला। अंजलि के परिजनों की तरफ से भूपेंद्र चौरसिया मीडिया के सामने आए और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर मामले में कई बड़े दावे किए। भूपेंद्र ने कहा कि घटना के बाद से ही वे परिवार की मदद कर रहे हैं। उन्होंने परिजनों की तरफ से दावा किया कि अंजलि को जानबूझकर घसीटकर मारा गया।

खुद को डॉक्टर बता रहे भूपेंद्र ने अंजलि की सहेली के आरोपों को भी गलत करार दिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के हवाले से उन्होंने बताया कि अंजलि के पेट में फूड पार्टिकल होने की बात कही गई है। इसका मतलब है अल्कोहल कहीं भी नहीं था। भूपेंद्र ने आगे कहा कि मर्डर करने के दो तरीके हैं एक होती है एक झटके में मार देना और दूसरा उसे धीरे- धीरे तड़पाकर मारना। अंजलि को धीरे- धीरे तड़पाकर मारा गया है।



परिजनों ने इस मामले में हत्या का मामला दर्ज करने की माँग की है। परिजनों के अलावा दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल भी अंजलि की सहेली निधि पर सवाल खड़े कर रही हैं। स्‍वाति मालीवाल का एक वीडियो सामने आया है। जिसमें उन्होंने निधि द्वारा अंजलि को हादसे का जिम्मेदार ठहराए जाने पर सवाल उठाया है।

उन्होंने कहा, “अंजलि की दोस्‍त टीवी पर बार- बार यही कह रही है कि अंजलि की ही गलती थी, तो मैं जानना चाहती हूँ कि यह कैसी दोस्‍त है, जिसकी दोस्‍त उसके सामने गाड़ी के नीचे आ गई, वह रो रही थी, चिल्‍ला रही थी और यह लड़की वहाँ से भाग खड़ी होती है। घर में आकर सो जाती है।”

स्वाति मालीवाल आगे कहती हैं कि निधि ने घटना को लेकर किसी को जानकारी देना जरूरी नहीं समझा? हादसे के बाद न पुलिस को बताया और न ही अंजलि के माता- पिता को बताया। उस समय ये स्‍कूटी उठाकर गाड़ी का पीछा भी कर सकती थी। कम से कम कोशिश तो कर सकती थी। एक तो इस लड़की ने कुछ किया नहीं। ऊपर से जब से पुलिस इसके पास गई है ये बार- बार अंजलि को बदनाम करने में लगी है। स्वाति मालीवाल ने अंजलि के दोस्त के भूमिका की जाँच की माँग की है। उन्होंने कहा है कि जो अपनी दोस्त की नहीं हुई उसकी बात पर यकीन करना मुश्किल है।

आपको बता दें 1 जनवरी, 2023 को अंजलि हादसे का शिकार हो गई थी। उसकी स्कूटी को टक्कर मारते हुए एक कार उसे कई किलोमीटर तक घसीटती रही। रिपोर्ट्स की मानें तो पुलिस ने कार सवार आरोपितों पर गैर- इरादतन हत्या, लापरवाही से मौत और आपराधिक साजिश रचने के आरोप में मामला दर्ज किया है।



आखिरी सच की पड़ताल में निकले यह सवाल

आखिरी सच टीम की पड़ताल में दिल्ली पुलिस जो कि भाजपा की केन्द्र सरकार द्वारा हैण्डल होती है। पर कुछ यक्ष प्रश्न निकलकर सामनें आये हैं।

मसलन भाजपा की केंद्र सरकार नियोजित पुलिस नें 12 किमी. के इलाके के कितनें कैमरों का अवलोकन किया, क्या गाड़ियों का तत्काल सीसीटीवी फुटेज के आधार पर चालान करनें वाली व्यवस्था के कैमरे इस समय मृत हो गये थे।

वहीं हलवाई दिनेश द्वारा दी गयी जानकारी को जांच का आधार क्यों नही बनाया गया, आखिर दिनेश हलवाई को अब तक सामनें क्यों नही लाया गया। दिनेश की पहली काल व दिल्ली पुलिस के डेड बाडी तक पहुचनें की दूरी 49 मिनट दूर क्यों रही।

रेखा उर्फ अंजलि के शरीर के सभी कपड़े शरीर से कैसे अलग हो गये, जबकि किसी भी शरीर से केवल रोड में घिसटते रहनें से कपड़े फट तो सकते हैं लेकिन पूर्णतया बाहर नही हो सकते हैं।

दिनेश हलवाई नें लड़की को गाड़ी से बाहर फेंके जानें की बात बताई थी, वह दिनेश पुलिस की केस डायरी से बाहर क्यों है? क्या यह हत्या जो कि केवल दुर्घटना बताई जा रही है, सरकार व पुलिस नियोजित षड़यंत्र नही है।

दिनेश की काल व डेड बाडी तक पुलिस के पहुँचनें के बीच 49 मिनट की दूरी क्या दिखाती है, मतलब यह माना जाय कि दिल्ली पुलिस व सीसीटीवी सभी घटना के  समय चिरनिंद्रा में थे। वहीं दिल्ली पुलिस नें अलग- अलग कहानी तो सामनें ला रही है लेकिन दिनेश को सामनें क्यों नही ला रही है।

आखिर पंद्रह दिन पुरानी दोस्ती को बयान का आधार क्यों बनाया जा रहा है, जबकि वह दोस्त शायद नियोजित षड़यंत्रान्तर्गत इंस्टाल भी हो सकती है ऐसा पुलिस क्यों नही मान रही है।

क्या दिल्ली पुलिस अभियुक्त जो कि भाजपा का पदाधिकारी था को बचानें के लिये तो कार्य नही कर रही है, य फिर दिल्ली पुलिस पुलिस न होकर भाजपा की रखैल तो नही है, जो अपनें कार्यकर्ता य सहयोगी को बचाने के लिये कृतसंकल्पित भाव से काम कर रही है।

वहीं सबसे जरूरी बात यह भी निकलकर सामनें आ रही है कि उक्त दोस्त जो रेखा उर्फ अंजलि के शराब सेवन की बात कर रही थी, आखिर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डाक्टरों को उक्त शराब क्यों नही दिखी? मतलब यह सहेली व इसके बयान कहीं नियोजित षड़यंत्र मात्र तो नही?

दिनेश हलवाई का पुलिस कंट्रोल रूम को टेलीफोन पर दिया गया उक्त बयान जो पहली काल में दी गयी थी कि बलेनो गाड़ी से लड़की को फेंका गया है, उक्त काल की रिकार्डिंग कहां है?



दूसरा पुलिस की जांच में गाड़ी के अंदर बाल मिले थे, जब लड़की दुर्घटना के बाद गाड़ी में फंसकर घिसटती रही उसके कपड़े फट गये वह निर्वस्त्र हो गयी, व उसकी मौत हो गयी, तो गाड़ी के अंदर बाल कैसे मिले थे, यह पुलिस की पहला बयान है गाड़ी बरामदगी के बाद के।

उन कपड़ों के चिथड़े कहां हैं जो 12 किमी. घिसटनें से शरीर से बाहर हो गये थे, क्या दिल्ली पुलिस की अत्याधुनिक जांच में वो कपड़े य उसके चिथड़े कहीं दिखे? जैसा कि सहेली नें कहा रेखा नें शराब पी थी जबकि आखिरी सच को परिवार द्वारा प्राप्त जानकारी के आधार पर बेटी नें कभी शराब का उपयोग नही किया था।


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