रायबरेली। एक ताजा भ्रष्टाचार व हरामखोरी का मामला प्रकाश में आया है, कि लालगंज में उच्च पदस्थ अधिकारियों की मिलीभगत से एक जनवरी की रात को लालगंज मेन रोड में कार सवार लोगों ने बिजली के पोल पर टक्कर मार दी थी। जिससे पोल व ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हो गया था। आज 4 दिन बीतने के बाद भी बिजली विभाग अभी भी उक्त मुद्दे पर नहीं जाग पाया है।
अभी तक बिजली विभाग ने एफआईआर भी नहीं दर्ज करवाई। जानकार और प्रत्यक्षदर्शी लोग बताते हैं कि लालगंज के जेई व अन्य उच्च पदस्थ अधिकारी की मिलीभगत से सरकारी नुकसान के एवज में लगभग दो लाख की सौदेबाजी करके मामले को रफा- दफा कर दिया गया है। लेकिन ना तो वसूली गई रकम कि कोई भी रसीद दी गई और ना ही बिजली विभाग में उक्त रकम को जमा किया गया है।
हम आपको बताते चलें कि लालगंज में बिजली विभाग में भ्रष्टाचार का बड़े पैमाने पर एक रैकेट सक्रिय है, जो सरकारी तंत्र के पैसे का दुरुपयोग कर रहा है। और विभाग के अधिकारी मालामाल हो रहे हैं। नियोजित षड़यंत्रान्तर्गत विभाग को लाखों का चूना लगाया जा रहा है।
घटना के प्रत्यक्षदर्शी राजेश, संदीप, अमित, राम जी आदि लोगों ने बताया कि इतना बड़ा मामला होने के बावजूद भी बिजली विभाग ने कार सवार को बाइज्जत बरी कर दिया गया है। जबकि नुकसान के एवज में दलाल किस्म के लोगों ने मिल बैठकर मामले को रफा- दफा करा दिया है।
इस मामले में अधिशासी अभियंता विद्युत दीपक कुमार ने बताया कि मुझे मामले की जानकारी नहीं हुई है। मैं मामले को पता करा कर उस पर एफआईआर दर्ज करवा दूंगा। उन्होंने बताया कि अगर एसडीओ और जेई को जानकारी थी तो उन्हें प्रथम तौर पर एफआईआर दर्ज करानी चाहिए थी। और बाद में उसका एस्टीमेट बना करके उसका पैसा विभाग में जमा कराया जाना चाहिए था।