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कौशांबी में भी दिल्ली की तरह की घटना, पुलिस का दावा, कार में फंसकर रगड़ी नहीं बल्कि यह महज एक हादसा था।

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कौशांबी। मांझनपुर थानान्तर्गत बाजापुर गांव के पास नए साल के दिन दिल्ली की तरह की ही घटना सामने आई थी। इस घटना पर पुलिस ने सफाई दी है। पुलिस की ओर से दावा किया गया है कि छात्रा कार में फंसकर रगड़ी नहीं बल्कि यह महज एक हादसा था। हालांकि पुलिस ने कार चालक के खिलाफ जिस तहरीर पर केस दर्ज किया है। उसमें साफतौर पर लिखा गया है कि कार सवार बेटी की जान लेने के इरादे से उसे टक्कर मारने के बाद उसे 200 मीटर तक घसीटते रहें।



साइकिल से वापस आने के दौरान हुआ हादसा

देवखरपुर गांव की निवासी रन्नो देवी की बेटी कौशल्या एक कंप्यूटर संस्थान में पढ़ाती हैं। हमेशा की तरह ही वह एक जनवरी को भी साइकिल से पढ़ाई के लिए गई थीं। वहां से वापस आते वक्त बाजापुर गांव के पास एक कार ने कौशल्या की साइकिल में टक्कर मार दी।


ये लगाई गयी हैं धाराएं।


इस हादसे में कौशल्या और उसकी साइकिल कार में फंस गई। हालांकि कार सवार ने इसके बाद भी गाड़ी नहीं रोकी और दो सौ मीटर तक वह कार से ही घिसटती रहीं। इसके बाद कार अनियंत्रित होकर खाई में चली गई। घटना के बाद तुलसीपुर गांव के रहने वाले रामनरेश के खिलाफ केस दर्ज करवाया गया है।



छात्रा के चीखने के बाद भी आरोपी ने नहीं रोकी गाड़ी

वहीं इस घटना के बाद बुधवार को एसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव के हवाले से दावा किया गया कि छात्रा को कार से घसीटा नहीं गया था। यह महज एक हादसा था और इसमें कार सवार भी जख्मी हुआ है। उसे भी हिरासत में लेकर इलाज करवाया जा रहा है। बताया गया कि तहरीर में जो छात्रा को कार में फंसकर घसीटने की बात कही गई थी वह विवेचना में गलत पाई गई।



वहीं इस मामले को लेकर पीड़िता ने बताया कि वह अकेले ही साइकिल से वापस आ रही थी। इसी बीच पीछे से कार सवार ने उसे टक्कर मार दी। छात्रा साइकिल समेत कार में फंस गई और जब उसने शोर मचाया तो भी कार सवार ने गाड़ी नहीं रोकी। इसके बाद वह बेहोश हो गई। कार कब और कितनी दूरी पर रुकी इस बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है। परिजनों का आरोप है कि कार सवार उनकी बेटी को मार देना चाहते थे। बेटी का इलाज एक प्राईवेट अस्पताल में जारी है।


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