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जोशीमठ के अस्तित्व पर मंडराते खतरे को देखते हुए, सभी निर्माण कार्य तत्काल प्रभाव से बंद।

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गोपेश्वर। भू- धंसाव के कारण जोशीमठ के अस्तित्व पर मंडराते खतरे को देखते हुए वहां ऑल वेदर रोड के बाईपास हेलंग मारवाड़ी बाईपास और एन.टी.पी.सी. की तपोवन – विष्णुगाड़ जल विद्युत परियोजना की सुरंग सहित सभी निर्माण कार्य तत्काल प्रभाव से रोक दिए गए हैं । साथ ही प्रभावितों की आवास व्यवस्था के लिए 2000 प्री फैब्रिकेटेडहट निर्माण करने का आदेश दिया गया है। औली के रोपवे संचालन के साथ ही एस.डी.एम. ने नगर में किए जा रहे सभी निर्माण कार्यों पर भी रोक लगा दी है।



भूस्खलन से वर्तमान तक प्रभावित 561 परिवारों में से अत्यधिक प्रभावित 29 परिवारों को प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया है जबकि 5 परिवार खुद सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं। प्रशासन ने यह कदम स्थानीय लोगों के साढ़े सात घंटे के चक्का जाम और प्रदर्शन के बाद दबाव में आकर उठाया। वीरवार को जोशीमठ नगर व प्रभावितों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम की मांग को लेकर स्थानीय लोग सड़क पर उतरे। जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के आह्वान पर वीरवार को जोशीमठ बाजार पूरी तरह से बंद रहा।

यहां पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार नगरवासी बड़ी संख्या में सुबह 8 बजे नगर के प्रवेश द्वार पर पहुंच गए जहां सड़क पर अलाव जलाकर नगरवासियों ने चक्का जाम कर दिया। घंटों तक हुई। वार्ता के बाद प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों की बात मानी। वहीं, प्रशासन ने प्रभावितों के अस्थायी विस्थापन के लिए 13 भवनों का चयन किया है।

पत्रकारों से बातचीत में जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती नें पूर्व में यह कहा था।

पत्रकारों से बातचीत में जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती, नगरपालिका जोशीमठ के अध्यक्ष शैलेंद्र पंवार, कमल रतूड़ी समेत अन्य आंदोलनकारियों ने जोशीमठ के हालात पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जोशीमठ नगर पिछले एक साल से भी अधिक समय से भूस्खलन और भू- धंसाव की चपेट है, जिससे जोशीमठ के सैकड़ों घरों में दरारें आ गयी हैं और हजारों लोग प्रभावित हैं। इससे लोगों के वर्षों की मेहनत से बने अपने घरों से उजड़ कर सड़क पर आने की स्थिति में आ गए है। जोशीमठ हर दिन बड़ी तादाद में आवासीय भवन, घर, अस्पताल, सेना के भवन, मंदिर, सड़कें, धंसाव की जद में आते जा रहे हैं। अभी भी यह संख्या हर दिन बढ़ रही है।



उन्होंने कहा 20 से 25 हजार की आबादी वाला यह जोशीमठ नगर, अनियंत्रित- अदूरदर्शी विकास की भेंट चढ़ रहा है। सती ने आरोप लगाया कि एक तरफ तपोवन विष्णुगाड परियोजना की एनटीपीसी की सुरंग ने जमीन को भीतर से खोखला कर दिया है दूसरी तरफ बायपास सड़क जोशीमठ की जड़ पर खुदाई करके पूरे शहर को नीचे से हिला रही है। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोग पिछले एक साल से इस समस्या को लेकर गुहार लगा रहे हैं। सर्वेक्षण का कार्य भी नगरपालिका द्वारा किया गया है। नगरपालिका ने लगभग 3000 लोगों को चिन्हित किया जो आपदा आने पर प्रभावित होंगे ।
उपेक्षा एवं संवेदनहीन रवैय्ये के खिलाफ पिछली 24 तारीख को हजारों की संख्या में जोशीमठ की जनता सड़कों पर उतरी थी। लोगों ने तत्काल पुनर्वास की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था।लोग इस सर्दी के मौसम में दरारों से पटे घरों में बल्लियों के सहारे घर को टिकाए रहने को मजबूर हैं ।

उन्होंने बताया कि सोमवार और मंगलवार को भूधंसाव से सिंहद्वार वार्ड के कई और घर खतरे में आ गए हैं। इसी इलाके में अचानक पानी की धारा भी निकली है। जबकि प्रतिदिन यह घँसाव की संख्या बढ़ती जाती है।


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