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खूंखार सीरियल रेपिस्ट नाम सिकंदर, लेकिन इसके गुनाहों ने इसे नए नाम दिए… ‘जीवाणु उर्फ वायरस’।

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राजस्थान। देश में कई ऐसे खौफनाक अपराधी हैं जो आज जेल की चार दीवारी में बंद हैं।  इनके गुनाह की कहानी हैवानियत और दरिंदगी से भरी हुई है। साल 2019 में ऐसा ही एक दरिंदा अपराधी राजस्थान पुलिस की गिरफ्त में आया, जिसकी सच्चाई सामने आई वो वह प्रदेश का सबसे बड़ा सीरियल रेपिस्ट बन गया। इस खूंखार सीरियल रेपिस्ट का रियल नाम सिकंदर है, लेकिन इसके गुनाहों ने इसे नए नाम दिए… ‘जीवाणु उर्फ वायरस’। अपने नाम की तरह इसने सच में कई मासूम बच्चियों को ऐसा वायरस दे दिया जो उनके लिए जिंदा मौत की तरह है।



12 साल की उम्र में पहली बार अपराध की दुनिया में कदम रखने वाले सिकंदर उर्फ वायरस ने 19 साल में 65 से ज्यादा दुष्कर्म, सेक्शुअल हैरेसमेंट और हत्याएं की हैं। इसके अलावा उस पर चोरी, लूट, हत्या और हत्या के प्रयास जैसे कई संगीन केस भी दर्ज हैं। आरोपी जीवणु उर्फ वायरस को दो बार उम्र कैद की सजा हो चुकी है। कई पीड़ित परिवार अदालत से उसे फांसी की सजा देने की मांग कर रहे हैं।

37 साल का सिकंदर बचपन से ही क्रिमिनल माइंड का था। मां की मौत के बाद उसके पिता ने दूसरी शादी की और उसे घर से निकाल दिया। उस समय उसकी उम्र महज 12 साल थी। इसी उम्र में उसने पहली चोरी की और अपराध की दुनिया में कदम रख दिया। वह शराब, स्मैक सहित अन्य नशे करने लगा और अपराध की दुनिया में आगे बढ़ता रहा। पकड़े जाने पर पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जहां, उसका यौन शोषण हुआ। जमानत पर जेल से छूटने के बाद उसने बच्चों के साथ दुष्कर्म और  सेक्शुअल हैरेसमेंट करना शुरू कर दिया। वह फुटपाथ से बच्चों को उठाता और उनके साथ दरिंदगी करता। चॉकलेट का झांसा देकर कॉलोनियों से भी बच्चों को उठा ले जाता। अगर, उसे बच्चे नहीं मिलते तो पुरुषों और किन्नरों को अपना शिकार बनाता था।



दोनों बच्चियों के साथ की हैवानियत

दरिंदा जीवाणु किसी हैवान से कम नहीं है। वह जिन मासूमों को अपना शिकार बनाता था, उनकी चीखें सुनने के लिए उन्हें बेरहमी से पीटता था। जमीन पर पटकता और चाकू से उनके अंगों पर वार भी करता था। मासूमों की चीख सुनने में उसे मजा आता था। दुष्कर्म करने के बाद उसने कई बच्चों की गला दबाकर हत्या भी कर दी थी। आरोपी ने जयपुर में जिस सात साल की बच्ची के दुष्कर्म किया था, उसे कई जगह बुरी तरह काट लिया था। साथ ही उसकी पीठ पर चाकू से इतना गहरा घाव बनाया जिसका निशान आज भी है। वहीं, दुष्कर्म के दौरान चार साल की बच्ची चीखी नहीं तो दरिंदे जीवाणु ने उसकी चीभ ही काट दी थी। आज भी उस बच्ची के बोलने में परेशानी होती है।

कैसे पकड़ा गया दरिंदा जीवाणु?

दुष्कर्म के आरोपी को पकड़ने के लिए जयपुर पुलिस की 20 टीमें बनाईं गईं थी। इनमें 400 पुलिसकर्मियों को शामिल किया था। पुलिस की टीमें आरोपी की लगातार तलाश कर रहीं थीं। उधर, वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी जीवाणु नाई की थड़ी के पास छिप गया था। पुलिस ने सीसीटीवी से आरोपी की पहचान की और उसकी तस्वीर सार्वजनिक कर दी। पकड़े जाने के डर से वह यहां- वहां छिपता रहा। सांगानेर में मजदूरों के साथ फुटपाथ पर सोया और चार जुलाई को टोंक की ओर चला गया। अगले दिन पांच जुलाई को देवली के ठेके पर उसका झगड़ा हो गया, जहां उसने मैनेजर सोहन लाल को गोली मारी और 20 हजार रुपये लूटकर फरार हो गया। यहां से आरोपी कोटा पहुंचा और अपने दोस्त के पास जाकर छिप गया। पुलिस उसकी मोबाइल लोकेशन को लगातार ट्रेक कर रही थी। छह जुलाई को पुलिस मजदूर के वेश ने कोटा के भीमगंज पहुंची और उसे गिरफ्तार किया था।



जीवाणु ने मासूमों को दी HIV की बीमारी

जीवाणु की गिरफ्तारी के बाद सामने आया कि वह एचआईवी पॉजिटिव है। पुलिस ने पीड़ितों की जांच कराई, तो पता चला कि उसने ये खतरनाक बीमारी कई मासूमों को दी है। आरोपी जीवाणु को जेल में सभी कैदियों से अलग रखा जाता है।


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