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धामी कैबिनेट के धनपशु मंत्री सुबोध उनियाल के सहयोग से ब्राह्मण परिवार को अबोध के साथ भेजा गया फर्जी एससीएसटीएक्ट में जेल, जमीन हड़पनें की नियोजित साजिश।

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उत्तराखंड। टिहरी गढ़वाल जिले में अपनी निजी जमीन न बेचने पर भू- माफियाओं और धामी कैबिनेट मंत्री व छुटभैया नेताओं की मिलीभगत के चलते एक मध्यवर्गीय ब्राह्मण परिवार के ऊपर एससी एसटी एक्ट का फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया गया है, इतना ही नहीं आश्चर्य तो तब हुआ जब इस मुकदमे में एक 6 साल के अबोध बच्चें को भी एससी एसटी एक्ट के तहत जेल भेज दिया गया। यह है पुलिसिया जांच व भाजपा सरकार का नियोजित षड्यंत्र जिसे आने वाले भविष्य में हर गैर दलित को भुगतनें के लिये तैयार रहना ही होगा।



जिसके बाद पीड़ित परिवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग, राष्ट्रीय महिला आयोग सहित पुलिस अधीक्षक महोदय और जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर सीबीआई जांच कराने की मांग की हैं। लेकिन लिखे गये पत्रों के सापेक्ष परिवार को केवल यातनाएँ ही मिलीं।



पीड़ित परिवार को जमीन छोड़कर भागनें के लिये किया जा रहा विवश

वहीं इस पूरे मामले में आखिरी सच सामाजिक समाचार माध्यम से बात करते हुए नरेश चंद्र नें बताया कि राजस्व विभाग के दस्तावेजों में जमीन पीड़ित के नाम पर दर्ज है, लेकिन इसके बावजूद भू- माफियाओं द्वारा उनकी जमीन हड़पने की कोशिश लगातार की जा रहीं हैं। उन्होंने कहा कि बीते वर्ष 29 मार्च 2022 को एसडीओ कार्यालय तपोभूमि मुनी की रेती कार्यालय में भी विद्युत कनेक्शन के लिये नरेश चंद्र के द्वारा आवेदन 510290322001 किया गया था।



लेकिन कुछ भू-माफियाओं व उनके आका धामी कैबिनेट के मंत्री सुबोध उनियाल के मौखिक दबाव में उन्हें विद्युत का कनेक्शन नहीं दिया जा रहा है। जबकि पानी कनेक्शन की मांग परिवार नें माह अप्रैल में की लेकिन क धामी कैबिनेट के मंत्री उनियाल के मौखिक आदेश के समक्ष सारे जिम्मेदार मौन होकर जरूरत मंद को उसका हक नही दे रहे हैं।


ट्वीट पर देखिए षड़यंत्रान्तर्गत लगाये गये केस के वास्तविक सच


जिसके संबंध में उन्होंने 1 अगस्त 2022 को जनता दरबार में जिलाधिकारी को भी पीड़ित ने अपनी समस्याओं से अवगत कराया था, जिसके बाद जिलाधिकारी द्वारा मौके पर ही एग्जीक्यूटिव इंजीनियर विद्युत एग्जीक्यूटिव इंजीनियर पेयजल को 1 सप्ताह के अंदर कनेक्शन जारी करने हेतु निर्देशित किया था। लेकिन जिलाधिकारी के आदेश का आज तक पालन नहीं किया गया, जिसके बाद पीड़ित परिवार को मजबूरी बस भूख हड़ताल पर बैठना पड़ा था।



आरोप ये भी है कि भू-माफियाओं और केबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के द्वारा जमीन हड़पने के चक्कर में फर्जी एससी- एसटी एक्ट दर्ज करवाया गया है, और पुलिस पर दबाव डालकर लक्ष्मी देवी, सीतादेवी, अमित, अतुल और उनके 6 वर्षीय अभिनव को जेल भिजवा दिया गया हैं।



नहीं हुई जाति प्रमाण पत्र की जांच

इतना ही नहीं पीड़ित परिवार का आरोप है कि जिस महिला की शिकायत पर फर्जी एससी एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज करवाया गया है। वह आगरा की निवासी है और उसने गांव के ही एक युवक से शादी कर ली थी, जिसके बाद अभी तक जांच अधिकारी के द्वारा उसके जाति प्रमाण पत्र की जांच भी नहीं की गई हैं।



हाल ही में उच्चाधिकारियों व जिम्मेदारों को भेजा पत्र

उक्त पीड़ित परिवार द्वारा पुलिस महानिदेशक व अपर पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर 169 सीआरपीसी की शिकायत व 173 (3) सीआरपीसी की सार्थक जांच हेतु पत्र लिखे गये। पर उक्त पत्रों पर माननीय मंत्री जी के दबाव में आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। जबकि परिवार पर दर्ज फर्जी एससी एसटी एक्ट की जांच भी मंत्री जी के दबाव में तथ्यों को नजरअंदाज कर लगाई गई।



यह पत्र माह जनवरी 2023 की 2  व 5 तारीख को लिखे गए हैं जिसमें स्थानीय जिम्मेदारों से लेकर राष्ट्रीय स्तर के जिम्मेदारों तक उक्त पत्र भेजे गए हैं। पर भाजपा सरकार की व्यवस्था जो एससी एसटी वर्ग के लिए पूर्णतया समर्पित है। उनके द्वारा वास्तविक मूल्यांकन पर पूर्णतया दबाव बनाकर मूल्यांकन को कदाचार से ग्रसित किया गया है।


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