गोंडा (मनकापुर)। बैरीपूर रामनाथ जनपद गोंडा अंतर्गत मनरेगा योजना में पूर्व में बिना काम कराये लाखो रुपये से ज्यादा ग्राम पंचायत सचिव, रोजगार सेवक द्वारा गबन कर लिया गया है। जिसकी पुष्टि दिनाँक 29 मार्च 2022 को पुष्टि हो चुकी है। जबकि प्रशासन द्वारा गौशाला की जाँच की गई उसमे कोई काम नहीं कराया गया, और रुपये निकालने की पुष्टि हो चुकी है। खाता सीजकर दिया गया है।
तब भी अब ऐसे में भ्रष्ट ग्राम प्रधान, सचिव पर मुक़दमा क्यों नहीं पंजीकृत किया जा रहा है, और क्यों नहीं सरकारी धन की वापसी कराई जा रही है। यहां एक बहुत बड़ा प्रश्न उठ रहा है। जोकि मामले को दबाने का प्रयास लगातार उच्चाधिकारियों द्वारा किया जा रहा है।
जबकि प्रशासन के द्वारा जाँच पड़ताल की गई जिसमें घोटाले की पुष्टि हो चुकी है। फिर शिकायतकर्ता के ऊपर तरह- तरह का आरोप लगाकर भ्रष्ट प्रधान वा उनके समर्थक क्या साबित करना चाहते हैं। उसमे किसी के चरित्र से क्या मतलब है। जबकि संविधान के अनुरूप कोई भी व्यक्ति यदि कहीं पर भी सरकार के धन का दुरुपियोग किया जाता है। वह शिकायत कर सकता है इस संबंध में जब शिकायत की गई, व उसकी जाँच हो गई अब, शिकायतकर्ता के खिलाफ साजिश रचकर पूर्व प्रधान खुशीराम वा समर्थक आत्माराम पांडेय पुत्र स्वर्गीय देवशरण पांडेय, अतुल पांडेय, अंकित पांडेय रोजगार सेवक, ग्राम पंचायत सचिव राम अंजोर क्या साबित करना चाहते हैं।
ऐसे में पूर्व प्रधान, वर्तमान प्रधान वा उनके समर्थकों पर मुक़दमा लिखकर जेल भेजना अति आवश्यक हो चुका है। नहीं तो कोई भी व्यक्ति किसी भी भ्रष्टाचार की शिकायत नहीं करेगा यदि शासन प्रशासन ईमानदार है। तो ऐसे भ्रष्ट ग्राम प्रधान पर कार्यवाही करके अपनी ईमानदारी साबित करे, अन्यथा प्रशासन को ही भ्रष्ट समझा जायेगा, कि प्रशासन की मिलीभगत से ऐसे कृत्यों को साकार किया गया है।
फिर भी बड़ी- बड़ी डींगे हाँकी जा रही है, बुलडोजर की सरकार है, माफियाओं के ऊपर कार्यवाही की जा रही है। यहां तो भूमाफिया प्रधान पर रुपये गबन करने का आरोप सिद्ध हो चुका उसके बाद आज तक अभी मुक़दमा नहीं लिखा गया, और न ही रिकवरी की गई, न ही अब तक आरोपी को जेल भेजा गया। यहां एक बहुत बड़ा प्रश्न है की जनप्रतिनिधियों के रखैल अधिकारी किसी अप्रिय घटना का इंतजार कर रहे हैं..!