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संस्था बनाकर चल रहा मंदिरों को हड़पने व धर्मांतरण का खेल- वाराणसी

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भजन कीर्तन करने वाली महिलाओं से की जाती है बद्दतमीजी।

भू- माफियाओं की नजर है मन्दिर की सरकारी जमीन पर।

खुलेआम गांजा पिया जाता है और 112 नम्बर की गाड़ी मौजूद रहती है।

शराबियों का अड्डा, आपराधिक चरित्र के तथा कथित साधु का बोल बाला।

मन्दिर से भड़का कर महिलाओं को भगाया जाता है ताकि उक्त मन्दिर पर अनैतिक गतिविधियां जारी रहें।



वराणसी। शिवपुर थाना क्षेत्र स्तिथ परमानन्द पुर आला काला पोखरे के भीटे (सरकारी) जमीन पर बने मन्दिर पर भू माफियाओं की नजर लग चुकी है, ऐसा तब हो रहा है जब उत्तर प्रदेश में सनातन धर्म ध्वजा वाहक योगी आदित्यनाथ जी की सरकार है।

जन चर्चाओं के अनुसार उक्त मन्दिर पर हर रविवार और मंगलवार राधा कृष्ण का भजन करने के लिए महिलाएं एक जुट होती हैं। और भजन कीर्तन करती हैं, छोटे बच्चो को भी बुलाकर उन्हें सनातन धर्म की मर्यादा समझाया जाता है, उनके द्वारा भी हरे राम, हरे कृष्ण का कीर्तन होता है। बच्चों के मन मे सनातन धर्म के प्रति श्रद्धा भाव जागृत किया जाता है, किन्तु इधर 2 सप्ताह से महिलाओं से अभद्र भाषा का प्रयोग कर उन्हें वहां से भगाने का कार्य कुछ लोगों द्वारा किया जा रहा है।

 

कुछ लोगों द्वारा एक जटा जूट बढ़ाये बहुरूपिये को वहां रख दिया गया है जो वहां गजेड़ियों का अड्डा बना लिए है, (वीडियो में साक्ष्य उपलब्ध है ) उक्त बहुरूपिये के बारे में जनचर्चा है कि वो गोंडा जिले का रहने वाला है, और हींग आदि बेचा करता था, दबी जुबान में लोग बताते हैं कि छिटपुट गांजे आदि का पैडलर भी रहा है और आज भी है।

इसबात की पुष्टि हमारा समाचार विभाग नही करता, किंतु उसे 2, 4 ग्राम वासियों को बैठाकर गांजा का सेवन करते कराते देखा जा सकता है। विडम्बना ये है, कि उक्त मन्दिर पर 112 नम्बर भी मौजूद रहती है। जो इर्दगिर्द होने वाली घटनाओं के लिए एलर्ट रहती है, उनका भी कोई भय नही है। वहां जिला प्रशिक्षण अधिकारी का कार्यालय भी है, किन्तु इससे कोई फर्क नही पड़ता क्यों कि जमीन हड़पने वालों का जमावड़ा लगा रहता है।



आला काला पोखरे का सुंदरीकरण हुआ

प्रधानमंत्री जी की योजना के अनुसार, शौचालय भी बना है जिसमे उक्त माफिया प्रकार के लोगों का ताला बंद है, नगर निगम का सफाई कर्मी वहां रहता था उसे भी भगा दिया गया है, जबकि भू अभिलेखों में उक्त जगह पर कुछ लोगों ने कब्जा किया, किन्तु सदर तहसील वाराणसी द्वारा उनके नामो को निरस्त कर पुनः वो स्थान भीटा अंकित हो गया जिस पर उक्त राधाकृष्ण, शिव मंदिर पंचमुखी हनुमान मंदिर, देवी मंदिर स्थित है, जिसका जीर्णोद्धार जनता ने अपने स्वयं के चंदे से करवाया है।

इधर दो सप्ताह से लगातार उक्त तथाकथित साधू और उसके एक पोषक द्वारा महिलाओं से लगातार बदसूलकी का मामला प्रकाश में आया है, एक व्यक्ति तो जबरदस्ती बोलता है कि ये मंदिर मेरा है, जबकि उन लोगों की असली नजर मन्दिर के इर्द गिर्द फैली करोड़ों को सरकारी जमीन पर लगी हुई है, महिलाओं के वहां पर एकत्र होने से इनके अनैतिक कार्यों में बाधा उतपन्न हो रही है इस लिए महिलाओं से गाली गलौज, अभद्र भाषा का प्रयोग होता है, जिससे सनातन संस्कृति पर प्रभाव पड़ता है। और लोगों को चिढ़ा कर बगल में स्थित क्रिश्चियन सोसायटी की तरफ मोड़ा जाता है और धर्मांतरण का खेल शुरू रहता है।


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