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जनपद में संचालित वैध व अवैध पंद्रह सौ नर्सिंग होम व क्लीनिक, दस प्रतिशत शायद होगें मानक युक्त, फिर शुरू होगा अटैची उद्योग- प्रतापगढ़

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प्रतापगढ़। जनपद में संचालित नर्सिंग होम्स व क्लीनिकों की संख्या जानकर आप चौक जाएंगे।सूत्रों की माने तो जिले में लगभग 1500 सौ से ज्यादा नर्सिंग होम और क्लिनिक है। उनमें से दस प्रतिशत भी सरकारी मानकों पर खरे नही हैं। यदि जांच किसी स्वतंत्र ऐजेंसी से करवाई जाय तो सत्त व सिस्टम के चंदा उद्योग की एक लम्बी कहानी निकलकर सामनें आयेगी।



क्या है नर्सिंग होम के संचालन के जरूरी अवयव

मानक की बात करे तो एक नर्सिंग होम चलाने के लिये फायर NOC, बायोबेस्ट NOC, पॉल्यूशन प्लान NOC ऑनलाइन बनवाने के बाद एक MBBS, दो एनएम, दो फर्मासिस्ट की फ़ाइल CMO ऑफिस में सम्मिट करने के बाद नर्सिंग होम संचालित करने का लाइसेंस जारी होता है।

जिन तादात में नर्सिंग होम संचालित हो रहे है क्या इतने MBBS डॉक्टर प्रतापगढ़ जिले में प्रक्टिस करते है? अपने मे बड़ा सवाल है यह। सूत्रों की माने तो अस्पताल में सिर्फ़ अपना नाम लिखने का बाहर जिले के MBBS डॉक्टर अस्पताल संचालको से एक मोटी रक़म लेते हैं।

सभी सम्मानित जनता से अपील है कि अपने मरीज को प्राइवेट नर्सिंग होम में भर्ती करने के पहले जान ले कि मरीज का इलाज नेम प्लेट पर लिखे डिग्री धारक डॉक्टर से हो रहा है। यह सब मानक विहीनता के खेल में कहीं स्वस्थ्य प्रशासन की मिली भगत से एनम, आशाओं के भरोसे चल रहे नर्सिंग होम में आप इलाज तो नही करा रहे?



ख़बर को लिखने का उद्देश्य आमजनमानस को सचेत करना मात्र है। सूत्रों की माने तो इस तरह की खबरे वायरल होते ही CMO ऑफिस के कुछ ज़िम्मेदार मातहत। कार्यवाही करने के बजाय ऊपर से दबाव बताकर अवैध तरीक़े से चल रहे नर्सिंग होमो से अवैध वसूली उद्योग को सुनियोजित तरीके से बखूबी निर्वाहित करेंगे।

जाँच के नाम पर बनाई जाएगी टीमें मोटी- मोटी धनराशि इकठ्ठा करके कुछ नियोजित ड्रामानुसार कार्यवाही के नाम पर पीट थपथपाने का नियोजन किया जायेगा। यह उच्च अधिकारियों और मातहत के कमाई का जरिया बन जायेगा।


यूपीआई aakhirisach@postbank

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