GA4

ओबीसी आरक्षण के लिए आयोग कराएगा जनगणना, राजनीतिक प्रतिनिधित्व पर फोकस, नगर निकाय चुनाव।

Spread the love

स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण निर्धारण के लिए गठित पिछड़ा वर्ग आयोग ने फील्ड पर काम शुरू कर दिया है। आयोग ने मंडलवार बैठकों की शुरुआत कर दी है। आय़ोग ने लखनऊ मंडल के सभी जिलों की बैठक की। आयोग को 31 मार्च तक अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपनी है। उक्त बैठक आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त जस्टिस राम अवतार सिंह की अध्यक्षता में हुई। लखनऊ मंडल की बैठक में रैपिड सर्वे को लेकर चर्चा की गई।

आयोग के सदस्य चोब सिंह वर्मा ने बताया कि आयोग को स्थानीय नगरीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधित्व के संदर्भ में जांच और अध्ययन करते हुए निकायवार औैर अनुपातिक आरक्षण को लेकर रिपोर्ट देनी है। इसके लिए सभी नगर निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या का वास्तविक आकंलन किया जाना जरूरी है। इसको आधार बनाकर आयोग परीक्षण करके तथ्यात्मक निष्कर्ष निकलेगा। सभी डीएम से उनके जनपद में अन्य पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या के संबंध में सर्वे कराकर नवीनतम आंकड़े आयोग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। ये आंकड़े एक महीने में देने हैं। उपलब्ध कराई गई रिपोर्ट का सत्यापन आयोग द्वारा फील्ड में जाकर भी कराया जाएगा। डीएम के डेटा का सत्यापन स्थानीय लोगों से संवाद करके भी कराया जाएगा। इसके बाद आयोग अपनी रिपोर्ट देगा।

अन्य पिछड़ा वर्ग का कराया गया रैपिड सर्वे

बैठक में डीएम लखनऊ ने बताया है कि 2011 की जनगणना के आधार पर वर्ष  2017 में अन्य पिछड़ा वर्ग का रैपिड सर्वे कराया गया था। इसके बाद अब जनपद लखनऊ के नगर निगम में 88 गांवों को जोडे़ जाने के बाद वार्डों में अन्य पिछड़ा वर्ग का रैपिड सर्वे कराया गया है। जनपद लखनऊ में एक नगर पंचायत मलिहाबाद का विस्तारीकरण और 2 नए नगर पंचायतें (बन्थरा व मोहनलालगंज) गठित की गई है। मंडल के अन्य जनपदों के डीएम ने अपने- अपने जनपदों के स्थानीय निकायों के अन्य पिछड़ा वर्ग के रैपिड सर्वे, अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण और पिछले नगरीय निर्वाचनों में अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधित्व के बारे में भी जानकारी दी।

आयोग के अध्यक्ष ने दी यह जानकारी

आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त जस्टिस राम अवतार सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि सभी से यह सूचना मांगी जा रही है की उनके यहां निकायों में ओबीसी की कितनी संख्या है। यह निर्देश दिए गए हैं कि बिल्कुल सटीक डेटा भेजें। ओबीसी का पॉलिटिकल रिप्रेजेंटेशन कितना है यह भी बताएं। यह डेटा आने के बाद खुद फील्ड में वेरीफाई किया जाएगा। अध्यक्ष ने कहा कि समय कम है लेकिन अधिक से अधिक जगह वह खुद जाएंगे।


Share
error: Content is protected !!