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10 जनवरी से लगातार दस्त (उल्टी) की शिकार छात्रा विद्यालय के गैर जिम्मेदारों की लापरवाही से समा गयी काल के गाल में, जिम्मेदार नही उठा रहे फोन।

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भोपाल। खजूरी सड़क के मुगालिया छाप स्थित श्रमोदय आवासीय विद्यालय की नवीं की छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। बताया जा रहा है सोमवार को उसे उल्टी हुई थी। डॉक्टर ने दवा दी थी। लेकिन देर रात वह पलंग से नीचे गिरी मिली थी। जबकि विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सपना मर्सकोले को पल्टी की शिकायत 10 तारीख से लगातार चल रही थी, लेकिन झोलापैथी की गिरफ्त में आया विद्यालय प्रशासन अपनें स्तर पर बेटी का इलाज करता रहा।

थाना प्रभारी संध्या मिश्रा के मुताबिक

थाना प्रभारी संध्या मिश्रा के मुताबिक छात्रा 16 वर्षीय सपना मर्सकोले मूलतः ग्राम रायपुर थाना शाहपुर बैतूल की रहने वाली थी। वह स्कूल परिसर में बने हॉस्टल में रहती थी। सोमवार को उसे उल्टी हुई थी तो स्कूल के डॉक्टर ने दवा दे दी थी।

सपना पलंग से नीचे गिरी मिली

इसके बाद उसकी तबीयत ठीक हो गई थी। लेकिन रात करीब 3 बजे सहेली की नींद खुली तो सपना अपने पलंग पर नहीं थी। उसने वॉशरूम में देखा तो वहां भी नहीं मिली। बाद में सपना पलंग से नीचे गिरी हुई थी। सहेलियों ने तुरंत वार्डन को सूचना दी। वार्डन ने टीचर और डाक्टर को बुलाया।


मृतका सपना मर्सकोले फाईल फोटो साभार व्हाट्सएप डीपी


जेपी अस्पताल से हमीदिया अस्पताल रेफर

इसके बाद सपना को जेपी अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे हमीदिया अस्पताल रेफर कर दिया। हमीदिया अस्पताल में डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। डाक्टरों का अनुमान है कि रात में सपना को उल्टी आई जो वापस श्वास नली में चली गई होगी, जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।

पिता हरपाल मर्सकोले नें यह  बताया

परिवार को बेटी की मृत्यु जबकि 3 बजे के आसपास हुई थी, जिसके बाद 4:42 पर फोन करके बताया गया कि बिटिया की तबियत खराब है। जिसके बाद पिता छः बजे घर से पत्नी के साथ चार पहिया गाड़ी किराए की करके गये जबकि यह लोग 10 बजे विद्यालय पहुंचे।

भंवरा में पुनः आया नीलम का फोन

भंवरा पहुँचनें पर बात हुई जिसके बात के क्रम में फोन काट दिया गया। जिस पर पुनः पिता द्वारा वापस फोन किया तो बच्ची से बात करनें की जिद की तो सम्बंधित महिला नें फोन डाक्टर को फोन पकड़ा दिया जिसपर डाक्टर नें बात हो पानें से इंकार कर दिया, जब पिता हरपाल नें पुनः उक्त नम्बर पर सही जानकारी देनें को कहा तो उक्त महिला जिम्मेदार नें मृत्यु की बात बताई।

पिता को सूचना प्रदाता नीलम व प्राचार्य नें नही उठाया फोन

जब आखिरी सच टीम ने पिता को सूचना प्रदाता नीलम व विद्यालय के प्राचार्य को फोन मिला कर जानकारी लेनी चाही, लेकिन दुर्भाग्य रहा कि उपरोक्त दोनों जिम्मेदारों ने फोन उठाकर जवाब देना मुनासिब नहीं समझा, कारण आखिरी सच टीम लगातार शिक्षा विभाग में हो रही अनियमितताओं की पोल खोल रहा है। जिसके क्रम में भोपाल श्रमोदय विद्यालय पर पूर्व में भी गाज गिर चुकी है।

विद्यालय खिलाता है बच्चों को जेनेरिक दवाइयां

जैसा कि ऊपर बताया गया है कि विद्यालय प्रशासन द्वारा बेटी को डॉक्टर से दवाई दिलाई गई थी। लेकिन आखिरी सच की टीम ने अपनी पिछली रिपोर्ट में भी इस बात का जिक्र किया है, कि विद्यालय प्रशासन द्वारा बच्चों को जेनेरिक दवाइयों का वितरण किया जाता है। जो शायद सपना की मौत का कारण बना। कुछ भी हो सपना की मौत विद्यालय प्रशासन के उदासीन रवैया के चलते हुई जैसा कि हमने ऊपर बताया कि सपना की उक्त बीमारी दिनांक 10 जनवरी से लगातार जारी रही। लेकिन विद्यालय द्वारा किसी भी उचित परामर्श के बिना फर्जी दवाइयों का सेवन बेटी को करवाया गया।


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