सपा। वरिष्ठ नेता और एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरितमानस पर दिए गए विवादित बयान के बीच अब वह फंसते नजर आ रहे हैं। जहां उनके बयान के बाद पार्टी के कुछ नेता खुद को असहज महसूस कर रहे हैं, तो वहीं आज लखनऊ में हिंदू महासभा द्वारा स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा, और सपा हाईकमान से उनकी बर्खास्तगी की मांग की जाएगी।
बता दे की पार्टी के नेता और एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है। यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि धीरेंद्र शास्त्री सनातन धर्म का प्रचार नहीं कर रहे, बल्कि सनातन धर्म को दफना रहे हैं।
गौरतलब है की कुछ दिन पूर्व ही बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर ने रामचरित मानस को लेकर विवादित टिप्पणी की थी, इसके बाद जमकर हंगामा हुआ था। अब समाजवादी पार्टी के नेता और एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान दिया है, जिस पर सड़क से लेकर विधानसभा तक हंगामा होना लगभग तय है। भगवान राम को मानने वाले अनुयाई तो सपा और स्वामी प्रसाद मौर्य का विरोध कर ही रहे हैं वहीं भाजपा को भी एक बड़ा मुद्दा मिल गया है जिसे वह भुनाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने राम चरित मानस को लेकर कहा कि धर्म कोई भी हो, हम उसका सम्मान करते हैं। लेकिन धर्म के नाम पर जाति विशेष, वर्ग विशेष को अपमानित करने का काम किया गया है, हम उस पर आपत्ति दर्ज कराते हैं। उन्होंने आगे कहा की आज करोडो लोग ऐसे है जो रामचरित मानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है। यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है। स्वामी प्रसाद मौर्य यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरित मानस से जो आपत्तिजनक अंश है, उसे बाहर करना चाहिए और इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए।
विवादित बयानों के लिए मशहूर स्वामी प्रसाद मौर्य ने इसके पूर्व भी कई बार हिंदू ग्रंथों पर विवादित बयान दे चुके है। जिसमे सुल्तानपुर जिले में गौरी गणेश पर दिया गया विवादित बयान सर्वविदित है, जिसकी पूरे देश में घोर निंदा हुई थी।
कौन हैं स्वामी प्रसाद मौर्य?
भारतीय राजनेता स्वामी प्रसाद मौर्य समाजवादी पार्टी के सदस्य हैं और उत्तर प्रदेश की 17वीं विधान सभा के सदस्य भी हैं।
जीवन और शिक्षा
स्वामी प्रसाद मौर्य का जन्म 2 जनवरी, 1954 को प्रतापगढ़ में हुआ था और उनका विवाह शिव मौर्य से हुआ था। मौर्य दंपति के दो बच्चे हैं। मौर्य की बेटी संघमित्रा बीजेपी सांसद हैं और लोकसभा में बदायूं का प्रतिनिधित्व करती हैं। मौर्य अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय से आते हैं। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और बैचलर ऑफ लॉ और मास्टर ऑफ आर्ट्स (एलएलबी) की डिग्री प्राप्त की।
करियर
स्वामी प्रसाद मौर्य ने 1980 में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की और 1996 से 2002 तक पहले विधायक बने। उन्हें यूपी में बसपा से अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। वह 1991 में जनता दल में महासचिव के रूप में शामिल हुए और जल्द ही 1996 में पार्टी से इस्तीफा दे दिया। मार्च से अक्टूबर 1997 तक, वह भाजपा समर्थित मायावती सरकार में मंत्री रहे। 2002 से 2003 तक, वह बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सरकार में मंत्री के रूप में लौटे। मौर्य पडरौना निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और पहले भाजपा के सदस्य थे, जिसमें वह बसपा से जुड़ने के बाद शामिल हुए थे।
वह डलमऊ और पडरौना निर्वाचन क्षेत्रों के साथ-साथ यूपी सरकार में मंत्री, विपक्ष के नेता और सदन के नेता से पांच कार्यकाल के लिए विधान सभा के सदस्य रहे हैं। 2022 के यूपी विधानसभा चुनावों से पहले, उन्होंने योगी आदित्यनाथ मंत्रालय के राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया और जनवरी 2022 में अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। 2017 से जनवरी 2022 तक, मौर्य यूपी की भाजपा शासित सरकार में श्रम, रोजगार और समन्वय के कैबिनेट मंत्री थे।
भाजपा बोली दूसरे धर्म पर ऐसी टिप्पणी कर देखें नतीजा
उधर भाजपा प्रवक्ता एसएन सिंह ने इसकी निंदा करते हुए कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य किसी दूसरे धर्म को लेकर इस तरह की टिप्पणी करके देख लें कि इसके बाद वह कब तक जिंदा रह पाते हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि अपने माता- पिता, समाज के बारे में बयान देते देते स्वामी प्रसाद मौर्य यह भूल गए कि तुलसीदास जी ने कितना पवित्र ग्रंथ लिखा है। यह बहुत गैर जिम्मेदाराना बयान है। वह पहले भी सुंदरकांड को अश्लीलता से जोड़ चुके हैं, काशी में लोग अंतिम समय में जाते हैं, इस तरह की बात कर चुके हैं। यह संगत का असर है।
सत्येंद्र दास ने अखिलेश से की पार्टी से बाहर करने की मांग
अयोध्या में राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा कि भगवान राम का चरित्र अनुकरणीय है। लोग उनकी पूजा करते हैं। जो उनके संबंध में इस प्रकार का जो बयान दे रहा है, वह अज्ञानी है। उसको किसी प्रकार का ज्ञान नहीं है। रामायण की जानकारी नहीं है। रामायण एक ऐसा ग्रंथ है, जिसमें सभी शास्त्र, वेद शामिल हैं ।इसके दर्शन मात्र से ज्ञान मिलता है। अखिलेश यादव को ऐसे व्यक्ति को अपनी पार्टी से निकाल देना चाहिए, नहीं तो उनकी पार्टी का ऐसा ही चरित्र घोषित होगा।