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आजतक मीड़िया समूह फैला रहा भ्रम, नियोजित षड़यंत्र को दे रहा हवा, निर्दोषों को बताया जा रहा हत्यारोपी, जो घटनास्थल पर थे ही नही।

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उत्तर प्रदेश। बदायूं जिले में भांड़ मीडिया द्वारा संपत्ति विवाद को लेकर एक अफवाह फैलाई जा रही है जिसमें ऊंची जाति के लोगों के एक समूह ने 10 साल के एक दलित लड़के की हत्या कर दी। तीसरी कक्षा का छात्र रविवार शाम को लापता हो गया था और उसका शव घंटों बाद गांव के खेत में एक पेड़ से लटका मिला था। यह घटना रफातपुर विकास खण्ड थाना इस्लामनगर में हुई, जहां ऊंची जातियों और दलितों की मिश्रित आबादी है। वर्तमान ग्राम प्रधान दलित हैं। जबकि घटना के कुछ पक्ष ऐसे भी हैं जिंहें इन भांड़ मीडियाकर्मियों नें नही दिखाया।

लड़के के परिवार के अनुसार गुरजीत जमीन के विवादित हिस्से के पास खेत में खेल रहा था, जब आरोपी लोगों ने लड़के को पकड़ लिया, गला दबाकर उसकी हत्या कर दी और उसे एक पेड़ से बांध दिया। बच्चे के पिता नेम सिंह गांव के तीन लोगों पर चुनावी रंजिश में हत्या करने का आरोप लगाया है। मृतक के दादा ओमकार की तहरीर पर पुलिस ने मटरू, मुनेश और शेरसिंह के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज की है।


मृतक बच्चे के परिजन।

मृतक बच्चे के परिजन।


चुनाव और जमीन को लेकर था विवाद

मृतक के परिजनों ने बताया कि एक बीघा जमीन को लेकर आरोपी पक्ष का परिवार का विवाद चल रहा था। नेम सिंह ने कई लोगों के नाम जमीन के पट्टे करवा दिए थे। जबकि, इस जमीन पर वह खुद के नाम पट्टा कराने की तैयारी कर रहा था। तहरीर में भी परिजनों ने जमीन विवाद का जिक्र किया है।इसके अलावा, नेम सिंह ने पिछला प्रधानी का चुनाव लड़ा था और 14 वोटों से हार गए थे। जबकि गांव के ही मटरू ने दूसरे प्रत्याशी को चुनाव लड़ाया था।


मृतक गुरजीत के चाचा बबलू ने बताया कि गांव के तीन लोगों ने की हत्या।

मृतक गुरजीत के चाचा बबलू ने बताया कि गांव के तीन लोगों ने की हत्या।


मृतक के चाचा ने घटनास्थल के पास दो को देखा

वहीं, मृतक गुरजीत के चाचा बबलू ने बताया कि वह खेत पर जा रहे थे। इसी दौरान उन्होंने घटनास्थल के पास से दो लोगों को जाते देखा, जो गांव के ही रहने वाले हैं। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। उन्होंने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है। मृतक के पिता ने 3 लोगों पर हत्या का शक जताते हुए मामला दर्ज करवाया है। मृतक के पिता ने बताया कि उन्होंने प्रधान पद का चुनाव लड़ा था। लेकिन वह 17 वोटों से हार गए थे। इसके बाद से मौजूदा प्रधान और उनके समर्थकों के साथ उनके रिश्ते अच्छे नहीं चल रहे थे। मृतक के पिता ने कहा कि इसी रंजिश के चलते प्रधान के समर्थक मातृ सिंह उर्फ मटरू, मुनेश सिंह और शेर सिंह ने उनके बेटे की हत्या कर डाली है।

यह है घटना का जमीनी सच

आखिरी सब की पड़ताल में यह निकल कर आया कि जिस जगह पर घटना होना दिखाया जा रहा है। व बच्चे की लाश का मिलना दिखाया जा रहा है। उसी से ठीक मिले हुए खेत में लड़के की मां, भाई व बहन गेहूं में ट्यूबवेल से पानी लगाए हुए थे। जो कि घटनास्थल से ठीक जुड़ी हुई जगह है।

नामजद एक भी दोषी घटना स्थल पर नही गये।

उक्त समय पर शेर सिंह बाल कटवाने गांव के ही यूनुस के यहां गया था जोकि घटना के बाद बाल कटवा कर अपने घर वापस आया था वही अभियुक्त मुनेश सिंह वह मातृ सिंह उर्फ मटरू अपने घर पर थे, जिनके घर से घटनास्थल की दूरी लगभग 1 किलोमीटर के आसपास होगी।

शेर सिंह के घर से है पुरानी रंजिश

वहीं आखिरी सच की पड़ताल में यह निकल कर आया है कि सन 2009 में जनवरी माह में शेर सिंह के चाचा डाली सिंह की हत्या मृतक के परिजनों द्वारा की गई थी। जबकि उक्त पीड़ित परिवार व तथाकथित हत्यारोपियों के परिवार के मध्य किसी जमीन को लेकर कोई विवाद न पूर्व में था, और नही आज है।


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