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उद्भव ठाकरे नें एकनाथ शिंदे व बीजेपी संयुक्त सरकार को दिया खुली चुनौती, दम है तो करवायें बीएमसी चुनाव।

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महाराष्ट्र। पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) गुट के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने प्रकाश अंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) से गठबंधन करने के बाद शिंदे सरकार पर जमकर निशाना साधा। प्रकाश अंबेडकर से हाथ मिलाने के बाद उद्धव ठाकरे ने बीजेपी- शिंदे गुट की सरकार को बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) का चुनाव कराने की चुनौती दी है।

शिंदे गुट वाली शिवसेना को ‘धोखेबाज’ बताते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा, “अभी तक चुनाव की कोई घोषणा नहीं हुई है। मैं धोखेबाजों (शिंदे गुट) को चुनाव कराने की चुनौती देना चाहता हूं। अगर उनमें (शिवसेना शिंदे गुट और बीजेपी में) दम है तो उन्हें चुनाव की घोषणा करानी चाहिए।”

हिंदुत्व को लेकर शिंदे खेमे को घेरा

शिंदे गुट के ‘विश्वासघात’ का जिक्र करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा, “RSS प्रमुख मोहन भागवत मस्जिद गए, क्या उन्होंने हिंदुत्व छोड़ दिया? जब बीजेपी ने पीडीपी के साथ गठबंधन किया तो क्या उन्होंने हिंदुत्व छोड़ दिया? वे जो कुछ भी करते हैं वह सही है और जब हम कुछ करते हैं तो हम हिंदुत्व छोड़ देते हैं, यह सही नहीं है।”

मोदी सरकार पर बरसे उद्धव

वीबीए के साथ गठबंधन के बाद प्रेस से उद्धव ठाकरे ने कहा, “लोकतंत्र खतरे में है और राजनीतिक लाभ के लिए देश की केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। देश में मौजूदा तानाशाही से लड़ने के लिए महा विकास अघाड़ी (MVA) के साथ गठबंधन समय की जरूरत है।” कॉलेजियम सिस्टम पर केंद्र सरकार के मतभेद पर उद्धव ठाकरे ने कहा, “मतलब इनको न्याय व्यवस्था भी अपने अधीन लेनी है। अगर ऐसे ही सब कुछ रहेगा तो देश में लोकतंत्र कहां बचा?”

शिवसेना में क्यों हुई थी टूट?

बता दें कि महा विकास अघाड़ी में एकनाथ शिंदे ने उद्धव पर आरोप लगाया था कि उन्होंने कांग्रेस और एनसीपी के आगे बालासाहेब ठाकरे के आदर्शों को भुला दिया। इसी मुद्दे पर शिवसेना दो टुकड़ों में बंट गई थी। एकनाथ शिंदे के साथ आए विधायकों ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली और एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बन गए। अब शिवसेना के नाम और चुनाव निशान पर भी विवाद चल रहा है। चुनाव आयोग ने दोनों खेमो को नया नाम और नया निशान आवंटित कर रखा है।


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