दिल्ली। पुलिस ने अपने चार्जशीट में कहा है कि आफताब पूनावाला ने अपनी लिव- इन पार्टनर श्रद्धा वालकर की इसलिए हत्या कर दी क्योंकि वह घटना वाले दिन किसी अन्य दोस्त से मिलने गई थी, और इसके कारण वह काफी गुस्से में था।
पुलिस ने मंगलवार को यहां साकेत अदालत में श्रद्धा हत्याकांड में पूनावाला के खिलाफ 6,629 पन्नों का चार्जशीट दायर किया, जिसने उसकी न्यायिक हिरासत दो सप्ताह के लिए बढ़ाकर सात फरवरी तक कर दी। चार्जशीट में पुलिस ने कहा है कि आरोपी ने वालकर के शव को काटने के लिए कई तरह के हथियारों का इस्तेमाल किया और उनमें से कुछ को बरामद कर लिया गया है।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (दक्षिण) मीनू चौधरी ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पुलिस ने अपने मामले को पुख्ता करने के लिए 150 गवाहों के बयान दर्ज किए हैं और पूनावाला पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) और 201 (अपराध के सबूत मिटाने) के तहत आरोप लगाए हैं। चौधरी ने कहा, ‘‘घटना वाले दिन वालकर अपने एक दोस्त से मिलने गई थी, जो पूनावाला को पसंद नहीं आया, जिसके बाद वह हिंसक हो गया और उसने इस घटना को अंजाम दिया।”
चार्जशीट के अनुसार, महरौली थाने को महाराष्ट्र पुलिस से श्रद्धा विकास वालकर की गुमशुदगी की रिपोर्ट मिली, जिसके बाद महरौली थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई और पीड़िता के पिता से पूछताछ की गई। पूनावाला और वालकर को आखिरी बार महरौली इलाके में किराए के मकान में देखा गया था। पूनावाला से उस आधार पर पूछताछ की गई और बाद में उसे 12 नवंबर को गिरफ्तार कर लिया गया। जांच के दौरान डीसीपी (दक्षिण) के नेतृत्व में नौ टीम और एक विशेष जांच दल (एसआईटी) भी गठित किया गया था। टीम को हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली और हरियाणा के गुरुग्राम में कई स्थानों पर भी भेजा गया था। पूछताछ के दौरान यह भी पाया गया कि शव के टुकड़ों को नष्ट कर दिया गया था और कई खोज दल गठित किए गए थे। चार्जशीट में कहा गया है कि आरोपी की निशानदेही पर छत्तरपुर के महरौली वन क्षेत्र में तलाशी ली गई और पुलिस ने कुछ हड्डियां बरामद कीं।
चौधरी ने कहा, ‘‘हमने वैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल किया और जांच के दौरान, एफएसएल, सीएफएसएल और अपराध टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। खून के नमूने और हड्डी की जांच की गई और डीएनए जांच भी हुई। डीएनए माइटोकॉन्ड्रियल प्रोफाइलिंग की उन्नत तकनीक का उपयोग करते हुए जांच हैदराबाद में भी किए गए। सीसीटीवी फुटेज को स्थापित करने के लिए एक अलग समर्पित टीम का गठन किया गया था।”
पुलिस ने कहा कि मोबाइल फोन, कैमरा और लैपटॉप, कॉल डिटेल रिकॉर्ड और जीपीएस लोकेशन सहित कई डिजिटल सबूतों की जांच की गई। डीसीपी ने कहा, ‘‘हमारे पास परिस्थितिजन्य साक्ष्य हैं। हमारे पास गवाह और डिजिटल एवं फोरेंसिक साक्ष्य हैं। सभी परीक्षण जो किए गए थे, हमारी जांच का समर्थन करते हैं।” पूनावाला पर पिछले साल मई में अपनी ‘लिव- इन पार्टनर’ वालकर की गला घोंटकर हत्या करने और शव के टुकड़े कर उन्हें कई दिनों तक शहर के विभिन्न हिस्सों में ठिकाने लगाने का आरोप है।