उत्तर प्रदेश। पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी की भविष्य की राजनीति को लेकर कई दिनों से अटकलें लगाई जा रही हैं। बीजेपी से कथित रूप से नाराज चल रहे वरुण के बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि 2024 लोकसभा चुनाव में शायद ही उन्हें भगवा दल से टिकट मिले। ऐसे में उनके किसी अन्य दल में भी जाने की संभावनाएं बनने लगी हैं।
पिछले दिनों राहुल गांधी के विचारधारा वाले बयान के बाद माना जाने लगा कि वरुण सपा का रुख कर सकते हैं। अब वरुण की फ्यूचर पॉलिटिक्स पर नई जानकारी सामने आई है। सूत्रों के अनुसार, बीजेपी सांसद सपा प्रमुख अखिलेश यादव और आरएलडी के अध्यक्ष जयंत चौधरी के साथ संपर्क में हैं। सूत्रों ने बताया है कि वरुण भले ही दोनों नेताओं के साथ संपर्क में हों, लेकिन इसमें भी ट्विस्ट है।
मीडिया की रिपोर्टों में करीबी सूत्र के हवाले से बताया गया है कि वरुण अखिलेश और सपा गठबंधन के पार्टनर जयंत चौधरी, दोनों के साथ संपर्क में हैं, लेकिन वह कोई भी दल ज्वाइन करने के इच्छुक नहीं हैं। सूत्र ने दावा किया, ”2024 लोकसभा चुनाव में वरुण गांधी सभी विपक्षी दल (सपा, आरएलडी और कांग्रेस) से समर्थन चाहते हैं। वह पीलीभीत या फिर सुल्तानपुर से संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार बनना पसंद करेंगे।” वहीं, एक और करीबी सूत्र ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि वरुण और उनकी मां मेनका नई पार्टी भी बना सकती हैं। दोनों ही अभी ‘वेट एंड वॉच’ की स्थिति में हैं।
यूपी कांग्रेस के एक नेता बताते हैं कि कांग्रेस पार्टी वरुण गांधी के लिए प्राकृतिक घर की तरह है और उन्हें स्वीकार्य करने में कोई दिक्कत नहीं होगी। कांग्रेस नेता कहते हैं, ”अगर कांग्रेस पूर्व बसपा नेता को अपना यूपी अध्यक्ष बना सकती है तो ऐसे नेता जिसकी जड़ कांग्रेस ही है, उसे शामिल करने में क्या दिक्कत होगी?” नाम न छापने की शर्त पर कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने बताया, “कांग्रेस में शामिल होने से यूपी में वरुण गांधी और हमारी पार्टी दोनों को फायदा होगा।”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास राज्य में केवल दो विधायक और एक सांसद हैं। प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी के पास राष्ट्रीय स्तर पर अन्य जिम्मेदारियां भी हैं। ऐसे में हमें एक ऐसे नेता की जरूरत है जो जमीनी स्तर के मुद्दों को लगातार उठाकर भाजपा का मुकाबला कर सके।
बहन प्रियंका के संपर्क में बने रहते हैं वरुण
सूत्र बताते हैं कि वरुण गांधी के अपनी चचेरी बहन प्रियंका गांधी के साथ अच्छे रिश्ते हैं। दोनों के बीच समय- समय पर बातचीत भी होती रहती है। पहले यह बात गैर- राजनीतिक होती थी, लेकिन पिछले कुछ समय से दोनों वर्तमान राजनीति पर भी बात करते हैं। ऐसे में यदि वरुण कांग्रेस में जाना चाहेंगे तो प्रियंका अहम रोल निभा सकती हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाल रहे राहुल गांधी से वरुण को लेकर सवाल किया गया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह वरुण को गले लगा सकते हैं, मिल सकते हैं, लेकिन कभी स्वीकार नहीं कर सकते। दरअसल, राहुल ने इसके पीछे दोनों नेताओं की विपरीत विचारधारा का तर्क दिया था। कांग्रेस सांसद के इस बयान के पहले तक माना जा रहा था कि वरुण कांग्रेस में जा सकते हैं, लेकिन इस बयान के बाद उनकी कांग्रेस में एंट्री की संभावनाएं लगभग खत्म हो गईं।