रमेश श्रीवास्तव। गिर सकते हैं अडानी समूह के शेयर। हिन्डेनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट आने के बाद अदानी सेठ रातों– रात अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज में मशहूर हो गए हैं। न सिर्फ अमेरिका, बल्कि दुनियाभर की कंपनियों, इन्वेस्टमेंट बैंक, रेटिंग एजेंसियों के बोर्डरूम में अदानी सेठ की ही चर्चा रही।
आज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में इस शोहरत का असर दिख सकता है। इससे पहले हिन्डेनबर्ग की रिपोर्ट के बाद निकोला कॉर्प की मार्केट वैल्यू 34 बिलियन से 1.34 बिलियन तक आने में एक साल लगे थे।
फिलहाल, दबाव सेबी पर है। अगर सेबी को अपनी वैश्विक साख बचानी है तो उसे अदानी सेठ को निर्दोष या कसूरवार ठहराने में से कोई एक काम करना होगा। बयान का इंतज़ार है। इसी के साथ दुनिया के तमाम बैंकों, बॉन्ड धारक और बिचौलिए भी अदानी समूह के बारे में फैसला लेने से पहले सोचेंगे। मुमकिन है वे अपना पैसा निकाल लें।
उधर, विदेशी निवेशक भी आज भारतीय शेयर बाजार में अपना जोखिम कम करने के लिए बिकवाली कर सकते हैं। एफपीआई तो लगातार बेच ही रहे हैं। कुल मिलाकर दबाव भारतीय और अंतरराष्ट्रीय बैंकों पर रहेगा, जहां से अदानी सेठ ने लोन उठाए हैं। उनके शेयर्स गिर सकते हैं।
ताश के महल को ढहाने के लिए एक फूंक ही काफ़ी है। देश की जनता को आनें वाले कल में इस उठापटक में मूक समर्थन देनें की वाली चुप्पी की जानलेवा कीमत चुकानी होगी।