झारखंड। हमने जिसको विधायक बनाया, वहीं आंख दिखाने लगे तो ये बर्दाश्त नहीं होगा। जनप्रतिनिधि हैं, जनता का भला कीजिए पूरा सम्मान मिलेगा। यदि विस्थापितों के बीच लड़ाने का काम करेंगे तो इसके दूरगामी परिणाम अच्छे नहीं होंगे। ये बातें झामुमो के केन्द्रीय महासचिव सह झारखण्ड राज्य समन्वय समिति सदस्य कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त फागू बेसरा ने कही। वो न्यू बिरसा पोटंगा में विस्थापितों की ओर से आयोजित अभिनंदन समारोह में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि यहां के विस्थापितों को एकजुट रहना होगा। यदि कोई मामला है तो आपस में सालटा लें। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार अच्छा काम कर रही है। विस्थापितों के हितों में भी कदम उठाए जा रहे हैं। जल्द सबकुछ सही होगा। उन्होंने कहा कि काम ऐसा करना कि अपना विधायक हो, अपना सांसद हो। कहा कि सभी सहयोग करें, बड़कागांव विधानसभा से ही राज्य का दशा-दिशा तय की जाएगी। फागू बेसरा ने कहा कि इस राज्य को बनाने में दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने अपना जीवन न्योछावर कर दिया। उन्होंने 40 सालों तक लंबी लड़ाई लड़ी। कार्यक्रम का नेतृत्व सोनाराम मांझी, संजय करमाली, सूरज बेसरा, गणेश गंझू, संतोष सिंह, विनोद हेम्ब्रम आदि कर रहे थे। कार्यक्रम के पूर्व सबों ने सिदो-कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
हनुमान बनकर विस्थापितों के साथ रहेंगे: संजीव
झामुमो के केंद्रीय सचिव सह राज्य परिवहन प्राधिकार सदस्य संजीव बेदिया ने कहा कि वो हनुमान बनकर उनके साथ खड़ा रहेंगे। विस्थापितों पर कोई विपदा आने के पहले वो सामने चट्टान की तरह खड़े रहेंगे। उन्होंने कहा कि झारखंड में हमारी सरकार है, यहां विस्थापितों के साथ कोई अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। प्रबंधन से लड़कर हक-अधिकार लिया जाएगा। प्रबंधन सो रहा है तो उसको कैसे जगाना है, हम जानते हैं। न्यू बिरसा नहीं रहेगा तो बरका-सयाल का नामोनिशान नहीं रहेगा। उन्होंने विस्थापितों से एकजुटता बनाए रखने की अपील की।
सभा को इन्होंने किया संबोधित
सभा को सैनाथ गंझू, संजय करमाली, सोनाराम मांझी, विश्वनाथ मांझी, जीतन मुंडा, सूरज बेसरा, रवींद्र सोरेन, मुकेश रावत, मोहन सोरेन, संतोष सिंह, बिनोद हेंब्रम, सोनाराम टुड्डू, मुरसिग लाल हांसदा, संजय टुड्डू, गोविन्द मांझी, उदय मालाकार, संजय वर्मा, गणेश गंझू, अकल मुण्डा, झानाराम मांझी, मनोज मुण्डा, सन्नी बेसरा, आदि ने संबोधित किया। मौके पर पोटंगा पसंस बभनी देवी, रेशमी हिस्सा, बिनोद हेम्ब्रम, सन्नी सोरेन, बिनोद मांझी, लेचा मांझी, जुरा सोरेन, लाल बिहारी मांझी, योंगा किस्कू, पंकज हेम्ब्रम, मनुलाल सोरेन, महावीर मुर्मू, रैना मांझी, राजेन्द्र गंझू, सहदेव मांझी, लालधारी मांझी, सुखराम बेसरा, महेश बेसरा, अजय करमाली, अनांद बेसरा, अजय बेसरा, प्रेम सोरेन, अजय मरांडी, राजू करमाली, बन्शीलाल मुर्मू, विजय सोरेन, महेश बेसरा, दिनेश मुंडा, अनुज मुण्डा, गहन बेसरा, सोलेन हांसदा, परमेश्वर सोरेन, अर्जुन मुंडा, दिलीप बेसरा, बसंत हेम्ब्रम, बिनोद बेसरा, राजेश मुर्मू, चन्द्र देव मुण्डा, राजेश हांसदा, नरेश बेसरा, पप्पू लाल मांझी, जग्गू मुण्डा, गणेश सिंह, सुरजा मांझी, मोती लाल मुर्मू, रामकुमार सोरेन, बिनोद प्रजापति, संजय सोरेन, कमेश्वर मुण्डा, मनाराम टुड्डू के अलावे काफी संख्या में लोग मौजूद थे।