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श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी केस, हेट स्पीच मामले को लेकर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी व सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव, हो सकती है पाँच साल की जेल।

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वाराणसी। असदुद्दीन ओवैसी और अखिलेश यादव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी केस में हेट स्पीच मामले को लेकर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी व सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के खिलाफ वाराणसी के एमपी- एमएलए कोर्ट में एक वाद दाखिल किया गया था। इस मामले में कई सुनवाई के बाद मंगलवार को बहस पूरी हो गई। जिसके बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रखते हुए 14 फरवरी की तारीख निर्धारित की है। यदि ये फैसला वादी पक्ष के हक में आता है तो ओवैसी व सपा सुप्रीमो पर एफआईआर दर्ज होने के साथ  5 साल तक की सजा भी हो सकती है।



14 फरवरी को तय होगी सजा

वकील अजय प्रताप सिंह ने बताया कि वादी अधिवक्ता हरिशंकर पांडे के द्वारा न्यायालय में 156-3 के तहत असदुद्दीन ओवैसी व अखिलेश यादव व अन्य नेताओं के खिलाफ वाद दाखिल किया गया है। जहां कई सुनवाई के बाद मंगलवार को बहस पूरी हो चुकी है। इस मामले में अगली सुनवाई 14 फरवरी तय की गई है। इस दिन अदालत का फैसला आएगा।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के विवादित बोल

ज्ञानवापी पर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के विवादित बयान ने सियासी आग में घी डाल दिया था। उन्होंने ये कह दिया कि हिंदू धर्म में कहीं पत्थर रख दो, सिंदूर लगा दो मंदिर बन जाता है। हमारे हिंदू धर्म में यह है कि कहीं पर भी पत्थर रख दो, एक लाल झंडा रख दो, पीपल के पेड़ के नीचे तो मंदिर बन गया।

अखिलेश यादव ने कहा कि ‘कोर्ट का मामला है जिसकी जिम्मेदारी थी सर्वे करने की आखिरकार वह रिपोर्ट बाहर कैसे आ गई, हमारे धर्म में यह है कि कहीं पर भी पत्थर रख दो एक लाल झंडा रख दो पीपल के पेड़ के नीचे मंदिर बन गया। इसलिए बीजेपी से सावधान रहिए। बीजेपी जानबूझ कर ज्ञानवापी मस्जिद का मामला उठा रही है।’



AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी का बयान

अदालत के फैसले पर सवाल उठाते हुऐ असदुद्दीन ओवैसी नें पूछा था कि ज्ञानवापी पर राजनीतिक दलों की चुप्पी क्यों दिख रही है?

5 साल तक की हो सकती है सजा

उन्होंने बताया कि इस मामले में एविडेंस के तौर पर पेपर की कटिंग व  लोगों के बयान को दर्ज कराया गया है। उन्होंने कहा कि यदि फैसला हमारे पक्ष में आता है तो इसमें सबसे पहले एफआईआर दर्ज होगी। इसके बाद थाने की ओर से पुलिस विवेचना करेगी। विवेचना करने के बाद यदि इन अभियुक्तों को दोषी पाया जाता है तो  गिरफ्तार किया जाएगा, जिसमें 5 साल तक की सजा हो सकती है।


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