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36 रुपये का टिकट खरीदकर पाकिस्तान में अपना सब कुछ छोड़ भारत आए, उनके लिए इस टिकट की कीमत, पुश्तों से जमा की दौलत से ज्यादा रही होगी।

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1947…. रेलवे को भारत ही नहीं पड़ौसी देशों में भी यात्रा का सबसे सस्ता और अच्छा साधन माना जाता है। आज हम आपको रेलवे से जुड़ा एक ऐसा फेक्ट बताने क्या दिखाने जा रहे हैं जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे। आज हम आपको रेलवे का 1947 का टिकट दिखाने जा रहे हैं। यह टिकट एसी कोच का है और इसमें किराया भी दिया गया है।


हम बात कर रहे हैं उस समय के पाकिस्तान के रावलपिंडी स्टेशन से भारत के अमृतसर स्टेशन तक का है। पहले रेल के टिकट का एक छपा हुआ फॉर्मेट होता था। इस फॉर्मेट में ही किसी भी यात्री के लिए ट्रेन का टिकट जारी किया जाता था। टिकट पर पूरी जानकारी पेन से लिखी जाती थी। यह टिकट यात्री ने पाकिस्तान से खरीदा था इसलिए यह तो नहीं कहा जा सकता है कि भारत से जाने वाली ट्रेन का भी यही किराया था या फिर कम या ज्यादा था।

ये टिकट पाकिस्तान रेल लवर्स नाम के यूजर ने फेसबुक पर शेयर किया है, और साथ ही लिखा है कि ये टिकट 17-09-1947 को यानी आजादी के बाद 9 लोगों के लिए जारी किया गया था, जो रावलपिंडी से अमृतसर के लिए थी. इसकी कीमत 36 रुपये 9 आने की थी। जाहिर सी बात है जब 9 लोगों के लिए ये 36 रुपये था, तो एक आदमी के लिए यह ट्रेन का टिकट 4 रुपये का पड़ता था।



हालांकि, जो लोग 36 रुपये का ये टिकट खरीदकर पाकिस्तान में अपना सब कुछ छोड़ कर भारत आए होंगे, उनके लिए तो इस टिकट की कीमत उनकी पुश्तों से जमा की हुई पूरी दौलत से कहीं ज्यादा रही होगी।


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