पंकज धवरैय्या के जेल जाने का, सच जानें और अपनी राय जरूर दे (हाथरस कांड वाले पंकज धवरैय्या का सच हम दिखाएंगे) बुलगडी कांड से चर्चा में आए आए पंकज धवरैय्या का अक्सर सरकार राजनेताओं अधिकारियों प्रशासन से लड़ते हुए विरोध करने वाले वीडियो सामने आते रहते है।
8 दिसंबर इनको गिरफ्तार कर जेल भेजा जाता है और 31जनवरी को जेल से काफिले लाव लश्कर के साथ समर्थक लाते हैं।
पंकज धवरैय्या को जेल क्यों गए?
पंकज धवरैय्या नाम आते ही कुछ राजनेता, गुंडा, दबंग, कुछ सवर्णवादी, कोई हिंदूवादी, कोई गरीबों का बेटा या मसीहा नाम से पंकज को पुकारते हैं।
धवरैया हाथरस में किसी राजा mla mp की तरह जनता दरबार लगाते थे। और किसी भी पीड़ित व्यक्ति की मदद के लिए राजनेताओ विभागो, विभागो व अधिकारियों का विरोध करने लग जाते, लोग खुश होकर अधिकारियों की अपेक्षा इनसे मदद की गुहार लगाने लगे। इन्ही कार्यो से अधिकारी, राजनेता तंग आ गए -यहां तक नहीं पंकज ‘धवरैय्या उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को घर में ही घेर चुके है, प्रियंका गाँधी की सभा भंग कर चुके है, राहुल गाँधी के घर का घेराव भी कर चुके हैं।
7 दिसंबर को दलित आशा को पीटा जाता है। धवरैय्या को बुलाने पर cms को चेतावनी देकर जाँच करने की बोलकर चले आते हैं, अगले दिन सुबह सुबह कार्यवाही की माँग पर rsp कार्यकर्ता साथ में विरोध कर रहे होते हैं।
अचानक पुलिस अधिकारी cmo के समर्थन में महिला एवं युवा कार्यकर्ता को पीटकर खींचते हुए बाहर सड़क पर लाते और। आशाओं का कहना है कि उनके गुप्तांगों में जूते तक मारे गए, महिलाएं गेट पर बैठ जाती और। घटना स्थल पर पंकज धवरैय्या को भावनात्मक काल करके बुला लेती हैं।
पंकज आकर कार्यवाही कि माँग करते कि, और चप्पल उठाकर चेतावनी देते है, कि किसी माँ बहन को यदि अपमानित किया गया तो उसे चप्पल से पीटा जाएगा, पंकज धवरैय्या को साजिशन खींचकर गिरफ्तार कर लिया जाता है। हॉस्पिटल के पिछले रास्ते से थाना हाथरस गेट ले जाया जाता हैं। भीड़ देखकर प्रशासन हाथरस गेट से पंकज को सासनी थाना शिफ्ट कर देती है।
गिरफ्तारी के विरोध में आशाएं एवं लोग हाईवे जाम कर देते हैं।
पुलिस लाठी चार्ज कर भीड़ हटाती है और 7 कार्यकर्ता एवं एक नाबालिग को गिरफ्तार कर थर्ड डीग्री देती हैं। पंकज धवरैय्या को पुराने फ़र्ज़ी sc- st act मे और अन्य को शांतिभंग में जेल भेज दिया जाता है, लोग एकत्रित ना हो इसलिए गाड़ी सीज होती हैं। लॉ एन ऑर्डर के लिये पुलिस तैनात की जाती है। जेल भेजने की धमकी से लोग डराए जाते है।
पंकज और अन्य साथियों पर राजनेताओ, कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से बुला- बुला कर फर्जी मुकद्दमे प्रशासन द्वारा लिखवाए जाते है। मंजू पुनिया से पंकज पर एससी एसटी एक्ट में मुकदमा लिखाया जाता हैं। क्योंकि इनके पति कुछ समय पूर्व माँ दुर्गा को वेश्या बोला था। जिसका विरोध पंकज धवरैय्या ने किया था। एक आज तक पंकज इन दोनो से मिले तक नहि है।
cmo द्वारा मुकदमा
cmo ने बताया कि पंकज धवरैय्या ने ऑफिस में घुसकर पेपर्स फाड़े, फर्नीचर तोड़ा, हॉस्पिटल बन्द कर दिया जबकि वीडियो में ऐसा कुछ नहि ना, ना पंकज cmo से मिले न कोई फोड़ फोड़ किया।
cms द्वारा मुकदमा
पंकज धवरैय्या ने महिला dr से छेड़कानी की महिला मरीज भगा दिये ऑफिस में मारपीट तोड़फोड़ की जबकि एक दिन पहला मामला दिखाया गया और ऐसा वीडियो में कुछ नही।
विद्युत विभाग se द्वारा –
विभाग के हर कार्यालय में ताला लगा कर आग लगाने का प्रयास मारपीट तोड़ फोड़ चौथ वसूली दिखाई गई। घटना तीन माह पहले की दिखाई जिसमे विभाग में हड़ताल थी लोगो की समस्या के लिये पंकज आए पुलिस मौके पर मौजूद रही।
कोई घटना नहि हुई वीडियो में सब साफ है
जिस महिला को पंकज धवरैय्या को जानते तक नहि थे भावनात्मक अपील और फोन के कारण अकेले महिलाओ की मदद के लिये पहुँच गए थे। पंकज धवरैय्या के सामाजिक कार्य एवं हर जाति धर्म आम जनमानस में बढ़ती लोकप्रियता से बेचेन नेता और कुछ अधिकारियों ने मौके का लाभ लिया और पंकज को जेल भेज दिया। एक सवाल आम जन मानस और पत्रकारो के मन में है?
क्या पंकज का जनता साथ देगी? क्या जनता दरबार लगाकर जनता की लड़ाई लड़ी जाएगी? क्या अब पीड़ित कमजोरों के लिये सच की आवाज उठेगी? सबको न्याय दिलाने वाले पंकज धवरैय्या और उनके साथियों और आशाओं को न्याय मिलेगा। क्या शाशन प्रशासन से मदद मिलेगी।