पत्नी निकहत अंसारी हुई अरेस्ट, जेलर समेत सात पर मुकदमा….
रगौली जिला जेल में बंद है माफिया मुख़्तार अंसारी का बेटा विधायक अब्बास…..
तलाशी लेने वाली पुलिस टीम को निकहत ने दी थी परिणाम भुगतने की धमकी….
लखनऊ। चित्रकूट जिला कारागार रगौली में मनी लांड्रिंग केस में बंद विधायक अब्बास अंसारी की पत्नी निकहत अंसारी को चोरी-छिपे पति से मुलाकात करने में पुलिस ने शुक्रवार शाम जेल के अंदर से गिरफ्तार कर लिया। निकहत की डिप्टी जेलर के कमरे में विधायक से मुलाकात कराई जा रही थी। पुलिस ने तलाशी के दौरान मोबाइल समेत अन्य प्रतिबंधित सामान बरामद किया है। चौकी प्रभारी श्यामदेव सिंह ने जेल अधीक्षक, उप जेल अधीक्षक समेत सात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
बांदा जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी का विधायक बेटा अब्बास अंसारी 18 नवंबर से जिला कारागार रगौली में बंद है। अब्बास अंसारी की पत्नी निकहत अंसारी कई दिन से लगातार पति से जेल पहुंचकर चोरी-छिपे मुलाकात कर रही थी, उनकी मुलाकात जेल के जिम्मेदार अधिकारी करा रहे थे। चौकी इंचार्ज के अनुसार उनको इसकी सूचना मिली थी कि निकहत रोज तीन-चार घंटे जेल में रहती है। इसकी जानकारी उन्होंने उच्च अधिकारियों को दी।
बड़े मियां तो बड़े मियां छोटे मियां सुभान अल्लाह
उर्दू का मशहूर जुमला है। बड़े मियां तो बड़े मियां छोटे मियां सुभान अल्लाह। इसे समझने के लिए क्रिकेट की एक कहानी से ‘नया लुक’ पाठकों को रूबरू करा रहा है। दरअसल 50-50 ओवर के मैच में कपिल देव और सचिन तेंदुलकर दोनों ही बैटिंग करने में मशगूल थे। कपिल के बल्ले से जहां रनों की बारिश हो रही थी। वही तेंदुलकर की जब पारी आती थी तो ऐसा लगता था कि उनके बल्ले से रन फुलझड़ी की तरह निकल रहा हो। तभी कमेंटेटर ने टिप्पणी की- ‘बड़े मियां तो बड़े मियां छोटे मियां सुभान अल्लाह’। इस जुमले का इस्तेमाल गुड वर्क और बैड वर्क दोनों के लिए किया जाता है। यकीनन यह जुमला बाँदा जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी और उसके विधायक साहबजादे अब्बास पर 100 फ़ीसदी सटीक उतरता है। दरअसल जुम्मा के दिन यानी चार नवंबर 2022 को रात्रि में अब्बास अंसारी से 9-10 घंटे पूछताछ के बाद ईडी ने उसे हिरासत में ले लिया। अब्बास के अब्बा मुख्तार के विरुद्ध जुलाई 2022 में मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा दर्ज किया गया था। इस बाबत मुख्तार के साहबजादे अब्बास उमर से ईडी ने पहले ही सवाल-जवाब किया था। अबकी बार उसे गिरफ्तार ही कर लिया गया। लिहाजा इस शख्स की ‘डौजियर’ पर ‘नया लुक’ ने बारीकी से नजर दौड़ाई तो निम्न तथ्य उभरकर सामने आए।
पूरा नाम: अब्बास बिन मुख्तार अंसार
पैदाइश: 12 फरवरी 1992
हॉबी : शॉटगन शूटिंग में निशानेबाजी और राष्ट्रीय निशानेबाजी में स्वर्ण पदक प्राप्त।
वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में मऊ सदर से सुभासपा के सिंबल पर अब्बास ने बाजी मारी थी। फरवरी-मार्च 2022 के यूपी इलेक्शन के पहले इसने धमकी दी थी कि सपा सरकार बनने पर मैंने अखिलेश भैया से गुजारिश की है कि मेरे क्षेत्र के अधिकारियों का स्थानांतरण छह महीने तक न किया जाए, क्योंकि उनसे हिसाब-किताब चुकता करना है। चुनाव आयोग ने इसे गंभीरता से लिया था। इसके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुआ और अब्बास के चुनाव प्रचार पर आयोग ने 24 घंटे तक रोक लगा दी थी।
अब्बास के ऊपर लदे मुकदमों की फेहरिस्त
लखनऊ महानगर पुलिस स्टेशन 431/19, धारा 419, 420, 467, 468, 471 IPC और 27 आर्म्स एक्ट।
हजरतगंज पुलिस स्टेशन लखनऊ केस नंबर 236/20 IPC की धारा 120 बी, 420, 467, 468 और 471 (लोक संपत्ति निवारण अधिनियम)
गाजीपुर पुलिस स्टेशन केस नंबर 689/20, धारा 120 बी, 420, 323, 356, 467, 468, 471, 474, 417।
मऊ पुलिस स्टेशन केस नंबर 27/22. धारा है 171 जी, 188 IPC, 133 लोक प्रतिनिधि अधिनियम।
कोतवाली मऊ धारा 188, 341
कोतवाली पुलिस स्टेशन मऊ केस नम्बर 95/22, धारा 188 171 IPC
कोतवाली मऊ केस नंबर 97/22, धारा 506, 186, 189.
यहीं नहीं लखनऊ से जारी आम्र्स लाइसेंस को बगैर प्रशासन को खबर दिए अब्बास ने नई दिल्ली के पते पर ट्रांसफर करवा लिया था। इसी केस में उसके खिलाफ वारंट जारी हुआ था। इसके विरुद्ध धोखाधड़ी के मुकदमे लदे हुए हैं। हालांकि इसके अब्बा मुख्तार अंसारी पर लदे अपराधिक मामलों की फ़ेहरिस्त तकऱीबन सैकड़ों की है।