गोंडा। सुनील त्रिपाठी दो आखिरी सच प्रतिनिधि हिंदुस्तान समाचार पत्र दिनाँक 26 मई 2022 को ही क्राइम हिस्ट्री को भी छापा था, जबकि मेरी क्राइम हिस्ट्री मेरे मुकदमे में पुलिस के द्वारा किसी को नहीं दिया गया और।
पुलिस ने हाई कोर्ट में पहली बार 6 अगस्त 2022 को मेरी क्राइम हिस्ट्री दिया था, फिर हिंदुस्तान के पास मेरी क्राइम हिस्ट्री 26 मई को कैसे आयी?
ये मानहानि की श्रेणी में तो आता ही है, साथ में पत्रकारिता की नैतिकता पर भी प्रश्नचिन्ह लगाता है।मैं अख़बार के खिलाफ मानहानि का मुकदमा करने हेतु अपने अधिवक्ता से बात किया है, तथा इसकी शिकायत नगर कोतवाली को भी भेज दिया है, पुलिस से भी मैं यह जानना चाहता हूँ की 26 मई 2022 को मेरी क्राइम हिस्ट्री अख़बार के पास कैसे? जबकि यह रिकॉर्ड स्वंम मेरे पास भी नहीं था।
और एक बात, इन्होने 26 मई 22 को भी दर्ज होने वाले मुकदमे की गिनती उसमें कर रखा था। मेरे खिलाफ साजिश यूँ ही नहीं, बहुत ही सलीके से रची गयी थी, मीडिया वाले भी शामिल थे।
मैं तो कानून को मानने वाला व्यक्ति हूं, कानूनी तरीके से अपना पक्ष रखूँगा।