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कानपुर केस का सनसनीखेज खुलासा जिलाधिकारी व उपजिलाधिकारी भ्रमित व्यवस्था बनी कठपुतली विस्तृत रिपोर्ट।

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किसी को क्या पता था कि काल का क्रूर चक्र कुछ और ही सोचे बैठा है। प्रशासन की मौजूदगी के बीच झोपड़ी में लगी आग ने मां बेटी को परिजनों से हमेशा के लिए जुदा कर दिया। इससे अच्छा खासा परिवार पूरी तरह से बिखर गया। नेहा के बड़े भाई शिवम की पत्नी शालिनी ने बताया कि पिछले वर्ष 16 फरवरी को उनकी शादी हुई थी। दो माह का बेटा अभियुक्त है। शालिनी ने बताया कि शादी की पहली वर्षगांठ को लेकर परिवार में तैयारी चल रही थी। इसी बीच घटना से खुशी लापता हो गई। अब जिंदगी भर का गम मिला है।

15 फरवरी हुआ था अंतिम संस्कार

वहीं बुधवार को पुलिस की मौजूदगी में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच यहां पर अंतिम संस्कार किया गया। पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक अंतिम संस्कार के समय कानपुर देहात के पुलिस अधीक्षक बीबीजीटीएस मूर्ति, अपने मातहतों के साथ मौजूद । इस दौरान संभागीय आयुक्त राज शेखर, और महानिरीक्षक (कानपुर रेंज) प्रशांत कुमार सहित वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

मूर्ति ने बताया कि पहले पीड़ित परिवार ने कहा था कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी और आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, तब तक वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगे, लेकिन उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के आश्वासन के बाद परिजनों ने दोनों महिलाओं का पोस्टमार्टम करने और उनका अंतिम संस्कार करने की अनुमति दे दी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार एक किया था मामले पर ट्वीट

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को ट्वीट किया, ”कानपुर की घटना दु:खद है। इसके लिए एसआईटी काम कर रही है। हमने मजिस्ट्रेट जांच के भी आदेश दिए हैं।” उन्होंने एक निजी टीवी चैनल के वीडियो क्लिप भी ट्वीट के साथ संलग्न की कि। इस वीडियो क्लिप में कानपुर में हुए हादसे पर सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ”घटना दुखद हैं, उसके लिए हमारी एक एसआईटी काम कर रही कि। हमने मजिस्ट्रेट जांच के भी आदेश दिए हैं। पूरी रिपोर्ट का हमें इंतजार करना चाहिए। यह एक संवेदनशील मामला हैं, इस मामले में दूध का दूध, पानी का पानी सामने आ जायेगा।” वैसे हम आपको बता दे योगी जी के बयान व ट्वीट का आज तक की अपनी पत्रकारिता के कार्यकाल मे कर्मचारियों पर कोइ प्रभाव पड़ते य किसी पीड़ित को न्याय मिलते नहीं देखा उसमे भी ब्राह्मण नूरपुर थाना नगसर हाल्ट में सैनिको की बर्बर पिटाई का मामला रहा हो य बीच के अन्य सैकड़ों मामले हैं, जो बस न्याय व कठोर कार्यवाई केवल ट्वीट पर पा जाते हैं।

यह है पुरा मामला

गौरतलब है कि सोमवार शाम कानपुर देहात जिले के रूरा थाना इलाके के मडौली गांव में अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान सोमवार को एक अधेड़ उम्र की महिला और उसकी बेटी ने कथित तौर पर अपनी झोपड़ी में खुद को आग लगा ली, जिससे दोनों की मौत हो गयी थी। जबकि सच एकदम उलट है।

मड़ौली ग्राम पंचायत के चालहा गांव में हुई सनसनीखेज घटना में नया मोड़ आ गया है। मृतक महिला के बेटे अंकित ने रूरा एसओ पर आग में झोंकने के प्रयास का आरोप लगाया है। घटना के बाद डीएम नेहा जैन ने मीडिया को बताया था कि कृष्ण गोपाल ने अतिक्रमण कर कमरा बनाया था। शिकायत पर उसे हटा दिया गया। इसके बाद कृष्ण गोपाल ने वहीं पर झोपड़ी बना ली। इस पर एसडीएम मैथा को कार्रवाई के लिए कहा था। सामान हटाने के लिए महिला से कहा तो उन्होंने बेटी के साथ आग लगा ली। डीएम के इस बयान से ग्रामीणों में नाराजगी है। मौके पर पहुंचे प्रशासन के लोग भी यही बात बताते रहें, लेकिन प्रशासन की यह कहानी ग्रामीणों के गले नहीं उतरी।

कृष्ण गोपाल ने बेटे अंकित ने बताया कि कार्रवाई के दौरान लेखपाल से बचने के लिए मां ने घर का दरवाजा बंद कर लिया था। इसके बाद लेखपाल ने झोपड़ी में पीछे की तरफ से जाकर बहन और मां के ऊपर डीजल डालकर आग के हवाले कर दिया। इसी दौरान जेसीबी से झोपड़ी ढहा दी गई। रूरा एसओ ने उन्हें भी आग में झोंकने का प्रयास किया था। आग से मां और बहन को बचा नहीं पाए, इसलिए सरकारी हैंडपंप को उखाड़ दिया गया। वहीं, घटना के बाद ग्रामीण भी एकजुट दिखाई दिए। सभी ने प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाएं और कार्रवाई की मांग की।

लेखपाल पर कुल्हाड़ी से हमला कर घायल कर दिया। अफसरों की टीम को दौड़ा लिया। भीड़ का गुस्सा देख टीम के अन्य लोग भाग खड़े हुए। बाद में गुस्साए लोगों ने एसडीएम, रुरा इंस्पेक्टर, तहसीलदार व लेखपाल समेत गांव के 10 लोगों पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज किए जाने की मांग करते हुए शवों को नहीं उठने दिया।

घटना के बाद शाम को वायरल हुए वीडियो में नजर आया पूरा सच

वहीं, घटना का एक वीडियो सोमवार शाम सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें पूरा सच नजर आ रहा है। इस वीडियो में प्रमिला व उसकी बेटी शिवा जलती हुई झोपड़ी के अंदर सही सलामत मौजूद दिख रही है। जबकि, गेट के बाहर पुलिस प्रशासन दल- बल के साथ खड़ा नजर आ रहा है। इसके बाद भी दोनों महिलाओं की सबके सामने जलकर मौत हो गई। वीडियो में प्रमिला बाहर से चिल्लाते हुए झोपड़ी के अंदर आते दिखी। इसके बाद जान देने की बात कहते हुए उसने अंदर से गेट बंद कर लिया। यह देखकर कुछ महिला सिपाही गेट के पास पहुंचीं और धक्का मारकर गेट खोल दिया। गेट खुलते ही अंदर रही प्रमिला चिल्लाते हुए सुनाई दे रही है कि इन लोगों ने आग लगा दी…।

उस वक्त आग सिर्फ छप्पर पर लगी नजर आ रही थी। जबकि, महिलाएं सकुशल खड़ी दिखीं। झोपड़ी में पीछे से भी अंदर जाने का रास्ता नजर आ रहा है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि पुलिस के पास पर्याप्त समय होने के बाद भी महिलाओं को बचाने का प्रयास क्यों नहीं किया गया। वे तमाशबीन क्यों बने रहे…?



इसी वर्ष शादी की चल रही थी तैयारी

कृष्ण गोपाल बेटी नेहा के हाथ इसी साल पीले करने की तैयारी में थे। शायद होनी को कुछ और ही मंजूर था। प्रशासन की ओर से कब्जा हटाने की कार्रवाई के दौरान छप्पर में आग लगने से नेहा व उसकी मां प्रमिला की जलकर मौत हो गई। दोनों की याद कर परिजन बिलखते रहे। गांव निवासी भांजी कंचन ने बताया कि परिवार में मामी प्रमिला सबसे प्यारी थीं। हर किसी को सम्मान देती थीं। घर आने वाले मेहमान को बिना खाना खाए जाने नहीं देती थीं। मामी के परिवार में इकलौती बेटी नेहा थी। वह भी सबसे मिलनसार थी।

शादी की उम्र होने के चलते घर वाले रिश्ता देख रहे थे। पिछले माह कानपुर नगर में एक अच्छा रिश्ता देखा गया था। दोनों परिवारों में शादी को लेकर बात चल रही थी। कंचन के अनुसार मामा कृष्ण गोपाल 2023 में ही बेटी के हाथ पीले करने की तैयारी कर रहे थे।

लेकिन किसी को क्या पता था कि काल का क्रूर चक्र कुछ और ही सोचे बैठा है। प्रशासन की मौजूदगी के बीच झोपड़ी में लगी आग ने मां बेटी को परिजनों से हमेशा के लिए जुदा कर दिया। इससे अच्छा खासा परिवार पूरी तरह से बिखर गया। नेहा के बड़े भाई शिवम की पत्नी शालिनी ने बताया कि पिछले वर्ष 16 फरवरी को उनकी शादी हुई थी। दो माह का बेटा अभियुक्त है। शालिनी ने बताया कि शादी की पहली वर्षगांठ को लेकर परिवार में तैयारी चल रही थी। इसी बीच घटना से खुशी लापता हो गई। अब जिंदगी भर का गम मिला है।

प्रशासन की कार्रवाई में मासूम भी घायल

शालिनी ने बताया कि जब अधिकारी जेसीबी लेकर घर आए तो उन्होंने सामान बाहर निकालने तक का मौका नहीं दिया। जब वह बेटे अभियुक्त को गोद में लेकर सामान निकालने का प्रयास कर रही थीं। तभी जेसीबी चलाने से एक ईंट बच्चे के सिर में लग गई। इससे उसे चोट आई है।

भाई बोले, अब कौन बांधेगा राखी

घटना के बाद से नेहा का भाई शिवम बार बार अपनी हाथ देख रहा था। रोते हुए शिवम ने कहा कि अब उसको कौन राखी बांधेगा। यह सुन कर पास में खड़ा अंकित भी फफक पड़ा। इसके बाद दोनों भाई आपस में गले लगकर खूब रोए। इस दौरान ग्रामीणों ने उनको सांत्वना दी।



केस पर आखिरी सच के कुछ सवाल

कानपुर देहात प्रकरण में कौन सच्चा कौन झूँठा— डीएम अथवा एसडीएम

एसडीएम– मैथा के अनुसार गाटा सं० 1642 मि० क्षेत्रफल 0.657 हे० राजस्व अभिलेख में ऊसर भूमि दर्ज है, जिसमें पीड़ित व्यक्ति कृष्ण गोपाल द्वारा लगभग 0.2050 हे० भूमि में पिल्लर और छप्पर रखकर अबैध कब्ज़ा कर रखे थे। और, डीएम के अनुसार गाटा सं० 1242 क्षेत्रफल 0.650 हे० राजस्व अभिलेख में ऊसर भूमि दर्ज है, जिसमें पीड़ित व्यक्ति द्वारा अबैध अतिक्रमण किया है।

 क्या❓डीएम अथवा एसडीएम उक्त दोनों गाटा संख्याओं का प्रमाणित खसरा/खतौनी उपलब्ध करवाएंगे क्योंकि,हमें वास्तविक सच्चाई जानने का अधिकार है।

क्या❓डीएम कानपुर देहात तथा एसडीएम–मैथा यह अवगत करवाएंगे कि, उक्त गाव में ही ऊसर भूमि पर गाटा संख्या 01क, 04क, 12ख, 13घ, 79मि०, 93घ, 113ख, 121ग, 123ग, 124मि०, 126मि०, 135, 36पर कानूनगो की अभ्युक्ति अनुसार अबैध कब्जा व नीव निर्माण तथा मकान निर्माण भी है किन्तु , आजतक खाली क्यों नहीं हुआ?

क्या❓डीएम कानपुर देहात और एसडीएम– मैथा अवगत करवाना चाहेंगी/चाहेंगे कि, जब ग्राम–मड़ौली में गाटा संख्या 1642 मि० का कुल क्षेत्रफल 0.657 हे० ही राजस्व अभिलेख में ऊसर भूमि के खाते में दर्ज है तो फिर, पीड़ित व्यक्ति कृष्ण गोपाल का अबैध कब्जा लगभग 0.2050 हे० भूमि पर कैसे हो गया?


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