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तीन सालों से पत्राचार लेकिन न्याय के लिए शरीफ परिवार को है अब भी इंतजार, विरोधियों ने कर लिया शौचालय पर ताला तोड़कर कब्जा।

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जौनपुर।  बदलापुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव  उदपुर गेलहुआ मैं महाराष्ट्र सरकार के मंत्रालय से सेवानिवृत्त सेवा कर्मी को उनके परिजनों द्वारा इस तरह से उत्पीड़ित किया गया कि उक्त सेवानिवृत्त कर्मी उकताकर गांव को भूलना आज मुनासिब समझा। विगत दो वर्षो से जमीनी विवाद तो कभी सहन का विवाद, तो कभी शौचालय में विरोधियों द्वारा ताला लगा लिया गया। तो आज वर्तमान आलम यह है कि जबकि आज सत्यनारायण सिंह् गाव में बनवाए गये घर में ताला लागाकर मुंबई में अपना व पत्नी का इलाज करवा रहे हैं। तो विरोधी अनीश सिंह व अविनाश सिंह  नें सत्यनारायण सिंह के शौचालय में लगे ताले को तोड़कर उक्त शौचालय पर अपना एकाधीपत्य जमा लिया है।


उपरोक्त पत्र 9 फ़रवरी 2023 को प्रभारी निरीक्षक बदलापुर को नम्रता सिंह पुत्री सत्यनारायण सिंह नें भेजा लेकिन कार्यवाही के नाम पर केवल खानापूर्ति की प्रक्रिया अभी भी लगातार जारी है। जबकि परिवार द्वारा इस विषय से संदर्भित अन्य पत्र भी बादलापुर पुलिस को दिये गये लेकिन कार्यवाई नौ दिन चले अढ़ाई कोस होकर रह गयी है।

वहीं नौ तारीख़ को ही नम्रता सिंह नें एक पत्र पुलिसाधीक्षक जौनपुर को भी उक्त शिकायती पत्र भेजा लेकिन कार्यवाई आज 14 दिन बीतनें को है लेकिन कार्यवाई मात्र खानापूर्ती तक मात्र सिमट कर रह गयी है।

नौ तारीख को ही नम्रता सिंह द्वारा इसी विषय से संदर्भित पत्र जिलाधिकारी को भी भेजा गया है, देखिये तीन स्तरीय जिम्मेदारों को भेजे गये पत्रों के क्रम में क्या कुछ कार्यवाई होगी भी य केवल पूर्व तरीके की ही जांच व कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।

जबकि सत्यनारायण सिंह के पत्र पर जांच अधिकारी लेखपाल द्वारा जो जांच आख्या लगाई गयी है उससे से तो विपक्षी साफ साफ दोषी दिख रहे हैं जबकि उनको किसी भी प्रकार का दंड नही दी गयी। जबकि सहायायक चकबंदी अधिकारी द्वारा अविनाश सिंह के निर्माण को अवैध करार देते हुए जब स्थगनादेश दिया गया तो फिर आखिर अविनाश सिंह का उक्त निर्माण पूर्ण कैसे हो गया। व्यवस्था पर यक्ष प्रश्न है अविनाश सिंह का है कृत्य।

जबकि इसी शौचालय में ताला लगाए जाने की शिकायत नम्रता सिंह द्वारा 2021 में की गयी जिस पर उपनिरीक्षक वीरेंद्र प्रताप सिंह नें जांच आख्या में लिखा है कि शौचालय का ताला खुलवा दिया गया है। मतलब 2021 के माह नवम्बर की जांच यह कहती है की उक्त शौचालय सत्यनारायण सिंह का ही है।

जबकि उपरोक्त पत्र भी अविनाश सिंह व अनीश सिंह के दबँग पूर्ण रवेये को प्रदर्शित करने के लिए पर्याप्त है, लेकिन बदलापुर के व जौनपुर जनपद के जिम्मेदारों को यह नहीं दिखाई पड़ता है।

ये अविनाश सिंह की ज्यादती का एक वीडियो फुटेज है।


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