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बगैरत युक्त बेरोजगारों के लिए पत्रकारिता की आंड में दलाली का नायाब विकल्प, आपभी यदि इन विशेष योग्यता के धनी हैं तो आजमाएं सफलता के यह विकल्प।

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वर्तमान (संजय भाटी की कलम से)। परिस्थितियों में ब्लैकमेलिंग करने और अवैध कारोबारों को संरक्षण देने के अलावा पत्रकारों को करना ही क्या है? पत्रकारों को न तो खबरें लिखनी है। संपादकों को संपादकीय लेख, विचार या फिर विश्लेषण तो लिखने नही है। तो फिर देर किस बात की। बस आपमें कुछ विशेष गुण होने चाहिए। सुनहरा मौका है, हाथ से जाने मत दो। हो सकता है। ऐसा समय दुबारा न आए। भ्रष्टाचारी और अवैध कारोबारी आपके स्वागत के लिए बेताबी से इंतजार कर रहे हैं।क्या आप बेरोजगार हो? क्या आप के पास कोई आमदनी का जरिया है? क्या आप शराब का नियमित सेवन करते हो? क्या आप अंगूठाछाप हो? क्या आपको हराम खोरी का माल हजम हो जाता है? क्या आप बेहयाई और बेशर्मी करने में माहिर हो? क्या आप बेईमान और बेगैरत भी है? तो फिर देर किस बात की है। पत्रकारिता के क्षेत्र में आपके लिए सुनहरा मौका है। आप पत्रकारिता में अपनी उपरोक्त योग्यताओं को निखार कर अपना भविष्य संवार सकते हैं। क्योंकि देश भर में विभिन्न क्षेत्रों में जमीं हूई भ्रष्टाचारियों की फौज आपके स्वागत के लिए तैयार खड़ी है।

यदि आपके पास ऐसे अवगुणों से भरपूर लोगों की अच्छी खासी संख्या है तो आप अपना खुद का कोई भी मीडिया प्लेटफॉर्म तैयार कर लें। अखबार, पत्रिका, यूट्यूब चैनल, वैबपोर्टल आदि कुछ भी चलेगा। बस शुरू हो जाईए। अब आप रोजाना फोकट की शराब और बियर पी सकते हैं। वो भी अच्छी खासी जगह पर बड़े -बडों के साथ और सौजन्य से, इसके लिए अलग से कुछ भी नही करना। सब गले में पत्रकारिता का कार्ड लटकाना है।

अब आपको घर और दूसरे खर्चों के लिए पैसे की समस्याओ के बारे में परेशान होने की बिल्कुल भी जरूरत नही है। किसी के गैरकानूनी धंधे जैसे सट्टा, जुआ, अवैध शराब व गांजा व अन्य मादक पदार्थों की बिक्री करने वाले लोगों के साथ लग जाना है। उनके धंधे की हिफाजत करते रहोगे तो आपको आपके आने जाने से लेकर खाने- पीने के खर्चे के साथ घर के खर्चे के लिए वर्तमान प्रचलित दिहाड़ी के पांच सौ रुपए सब खर्चे के बाद जेब में रखने के लिए या यूं कहिए कि घर के खर्चे के लिए मिल जाएंगे।

अब यदि आपको इतने से आगे बढ़ना है, कार, कोठी, कोठा सब कुछ चाहिए तो आप अपने जैसे गुणों के लोगों का संगठन बना लीजिए। बहुत ही आसान काम है। क्योंकि आप जैसे दूसरे लोगों को भी ऐसे संगठनों की जरूरत होती है। सभी सर्वसम्मति से ऐसे संगठनों में न केवल जुड़ जाते हैं बल्कि जी-जान से जुड़े भी रहते हैं। ये बात सभी जानते हैं कि ऐसे संगठनों के सदस्य होने मात्र से आपका वजूद और कमाई के अवसर बढ़ेंगे। आपके पास गले में लटकाने के लिए दो आईकार्ड होंगे। एक आईकार्ड किसी मीडिया संस्थान का और दूसरा पत्रकारिता के नाम पर बनाए गए संगठन का।

हम ये सभी बातें ऐसे लोगों के हितों के लिए बता रहे हैं जो बेहयाई, बेशर्मी, बेईमानी, बेगैरत और ले-मारी आदि गुणों में युक्त होने पर भी बेरोजगार हैं। ऐसे बेरोजगारों के लिए पत्रकारिता में अपार संभावनाएं हैं।

ये सब पच्चीस-तीस साल की पत्रकारिता के अनुभवों का निचोड़ है। यदि आप में ये गुण नही हैं तो आप पत्रकारिता से दूर ही रहें। व्यर्थ ही आपका अपने और दूसरों के लिए परेशानी खड़ी करना किसी के लिए भी हितकर नही है।


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