GA4

उमेश पाल हत्याकांड में बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के महानगर अध्य्क्ष राहिल हसन के भाई गुलाम हसन का नाम सामने आया।

Spread the love

उमेश पाल हत्याकाण्ड। संगम नगरी प्रयागराज में शुक्रवार को राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी। पुलिस इस वारदात को अंजाम देने वाले हमलावरों की तलाश कर रही है। मामले में अब बड़ा और सनसनीखेज खुलासा हुआ है। हत्याकांड में बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के महानगर अध्य्क्ष राहिल हसन के भाई गुलाम हसन का नाम सामने आया जो। उसे नामजद भी किया गया है।

गुलाम को पार्टी से हटाया जा चुका है- बीजेपी जिलाध्यक्ष

हत्याकांड में गुलाम हसन का नाम आने के बाद बीजेपी जिलाध्यक्ष गणेश केसरवानी ने फोन पर हुई बातचीत के दौरान बताया कि गुलाम को पार्टी से हटाया जा चुका है। हालांकि, इस संबंध में अभी कोई लेटर जारी नहीं किया गया है।

एक बदमाश दुकान में कर रहा था उमेश का इंतजार

बता दें कि उमेश पाल और उनके गनर संदीप निषाद की हत्या महज 44 सेकंड के भीतर कर दी गई थी। बेखौफ बदमाशों में से एक बदमाश उमेश का पास की दुकान में इंतजार कर रहा था। उमेश के गाड़ी से उतरते ही शूटर्स ने फायरिंग कर दी थी। सुरक्षा गार्ड संदीप निषाद ढाल बने तो उनको भी गोली मार दी।

घटनास्थल से मिले सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, गोली लगने के बाद उमेश पाल घर की तरफ भागे, लेकिन बदमाशों ने पीछा करते हुए तंग गली में घुसकर फायरिंग और बमबारी की। वहीं, गोली लगने से कार के पास गिर पड़े गनर संदीप निषाद भी गली की ओर भागे, जिनको निशाना बनाते हुए बदमाशों ने गली में बम मार दिया। फिर घायल अवस्था में संदीप, उमेश के घर के बाहर गिर पड़े।

उमेश पाल की भतीजी की जुबानी

उमेश पाल की भतीजी ने बताया कि गोली लगने के बाद चाचा को बदमाश दौड़ाकर गोली मरते रहे। यह सब हमारी आंखों के सामने हुआ और हम चाचा को नहीं बचा पाए। उमेश पाल ने हाल ही में बीजेपी जॉइन की और। उप- मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री एसपी बघेल, सिद्धार्थ नाथ सिंह से उमेश पाल के नजदीकी संबंध थे।

उमेश पाल की हत्या के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है। अब परिवार को शिकायत है कि जो नेता उमेश पाल से मिलने के लिए रोज आते थे, वो दिखाई नहीं पड़ रहे हैं। हालांकि, स्थानीय विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह रविवार को सांत्वना वाले परिवार तक पहुंचे थे।

दीए में तेल खत्म होता है तो ऐसे ही फड़फड़ाता है- सिद्धार्थ नाथ सिंह

इस मौके पर सिद्धार्थ नाथ सिंह ने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का भरोसा दिया। मीडिया से बातचीत में सिद्धार्थ नाथ सिंह ने सपा पर तंज कसते हुए कहा, ”दीए में तेल खत्म होता है तो वो ऐसे ही फड़फड़ाता है।” सपा पर आरोप लगाया, ‘बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होए।’

सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा, मैं यहां का स्थानीय विधायक हूं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात करके परिवार से मिलने आया हूं। पूरी सरकार का संदेश है। सरकार उमेश पाल के परिवार के साथ है। उनके परिवार से मेरा संबंध रहा है। मैं मिलता रहा हूं।

मुख्यमंत्री की कथनी करनी में अंतर नहीं होता

कहा, “मैं उनसे (उमेश पाल के परिजनों) बस एक चीज कहकर आया हूं कि अब क्या कार्रवाई होनी है, कैसे होनी है? इसकी चिंता ना करें। मुख्यमंत्री सदन में खुद कह चुके हैं कि ऐसे माफिया को मिट्टी में मिला कर रहेंगे और हमारे मुख्यमंत्री की कथनी करनी में अंतर नहीं होता। सिर्फ अब इंतजार करें।”

फिलहाल, पुलिस ने उमेश की हत्या के मामले में माफिया अतीक अहमद, उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन, दो बेटों, अतीक के भाई अशरफ और गुलाम हसन को नामजद किया गया। पुलिस ने अतीक अहमद के दोनों बेटों और कुछ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में भी ले लिया है।

दस टीमें घटना के अनावरण में लगी

प्रयागराज पुलिस की 10 टीमें आरोपियों की तलाश में जगह- जगह दबिश दे रही हैं। प्रयागराज पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने कहा है कि, “मैं पुलिस कमिश्नर के तौर पर यहां की जनता को आश्वस्त करना चाहता हूं कि इस जघन्य कांड में जो भी माफिया और उसके साथी शामिल हैं, उनके खिलाफ पुलिस की कठोरतम कार्रवाई अमल में लाई जाएगी, जो कि भविष्य के लिए नजीर होगी।”

आरक्षी संदीप निषाद आजमगढ़ के मूल निवासी

संदीप निषाद, जो यूपी पुलिस में कार्यरत थे। 26 वर्षीय संदीप निषाद आजमगढ़ के अहिरौला थाना क्षेत्र के बिसईपुर गाँव में रहने वाले थे। तीन भाइयों में वो दूसरे नंबर पर थे। उनकी एक बहन भी है। संदीप अपने बड़े भाई प्रदीप निषाद को अपने साथ प्रयागराज में ही रखते थे, जो वहाँ प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारी कर रहे हैं। वहीं छोटा भाई दीपचंद्र घर पर माँ- पिता के साथ रहते हैं। गाँव में जब पोस्टमॉर्टम के बाद संदीप की डेड बॉडी पहुँची तो भारी भीड़ जुट गई। मुआवजे के साथ-साथ घर तक सड़क बनवाने और एक सरकारी नौकरी देने की माँग हो रही है। अंतिम संस्कार में पुलिस- प्रशासन के कई अधिकारी मौजूद रहे।

सन्दीप निषाद का परिवार था गरीब

संदीप निषाद का बचपन काफी गरीबी में बीता था। पिता संतराम एक साधारण किसान हैं। घर पर ठीक से छप्पर तक नहीं है। 2018 में संदीप निषाद का यूपी पुलिस में चयन हुआ था। वहीं 2021 में उनकी शादी कराई गई थी। एक बेहद गरीब परिवार जिसकी आर्थिक स्थिति अब ठीक हो रही थी, फिर से पुरानी से भी बदतर स्थिति में चला गया है। जिले के दुर्वासा धाम पर उनका अंतिम संस्कार हुआ। शवयात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।

सन्दीप की पत्नी व मां का रो रो कर बुरा हाल

संदीप की पत्नी रीमा और माँ का रो- रो कर बुरा हाल है। संदीप के बड़े भाई प्रदीप सरकारी अध्यापक बनना चाहते हैं। संदीप अपनी पत्नी रीमा को भी किराए वाले घर में साथ ही रखते थे। रीमा रोते हुए बार- बार यही कह रही थीं कि उन्हें उनके पति से मिलवाया जाए, वरना वो भी अन्न- जल त्याग कर जान दे देगी। संदीप निषाद का शव पुलिस लाइन भी लाया गया था, जहाँ उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। पुलिस के वाहन में ही पार्थिव शरीर को आजमगढ़ ले जाया गया। दलितों के हितों की बात करने का दावा करने वाले संगठनों ने संदीप निषाद पर चुप्पी साध रखी है।

सात हमलावरों ने दिया था घटना को अंजाम

उमेश पाल की हत्या में शामिल अपराधियों में चार की पहचान सीसीटीवी फुटेज के आधार पर हो गई है। इनमें से एक गैंगस्टर अतीक अहमद का बेटा असद भी है। इसके अलावा, अतीक का करीबी बमबाज गुड्‌डू मुस्लिम, अरमान और मोहम्मद गुलाम की भी पहचान हुई है। ये चारों प्रयागराज के रहने वाले हैं। हमले में कुल 7 लोग शामिल थे। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मुस्लिम बोर्डिंग छात्रावास में छापा मारकर अतीक अहमद के करीबी शूटर मोहम्मद गुलाम के 3 गुर्गों को हिरासत में लिया है।


Share
error: Content is protected !!