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अम्बाला कैंट में पागल बना घूम रहा निकला आजमगढ़ का धनंजय, गीता गोपाल संस्था के प्रयास नें परिवार से मिलाया।

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अम्बाला। कैंट की सड़कों पर दो साल से भीख मांग रहा एक युवक आजमगढ़ के करोड़पति घर का निकला। बताया जा रहा है कि मानसिक स्थिति बिगड़ने पर घर से चला आया था। उसे अब चचेरे भाई का मोबाइल नंबर याद आया तो परिवार से मिलना हुआ।



युवक नशे का आदी होने के चलते घर से भागकर अंबाला पहुंचा और उसकी बुरी आदतों ने उसे भिखारी बना दिया। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब अंबाला की गीता गोपाल संस्था ने बड़े- बड़े बालों वाले एक युवक को घायल अवस्था में देखा।



इसके बाद संस्था से जुड़े साहिल ने उसकी मदद करनी चाही, लेकिन युवक तैयार नहीं हुआ। जैसे- तैसे उसे मनाया गया और उसे फर्स्ट एड दिया गया। इस दौरान साहिल ने उससे उसके परिवार के बारे में जानना चाहा। युवक ने काफी पूछताछ के बाद उसे अपने भाई शिशुपाल का मोबाइल नंबर दिया जिसके बाद पूरी कहानी पता चल पाई।


इस कैलेंडर को गाजीपुर व बलिया मे वितरण करवानें के लिए ऊर्जावान युवकों/ युवतियों की आवश्यकता है। कैलेंडर पर वर्णित नंबर पर सम्पर्क, पारिश्रमिक चार अंकों में। यदि बात सही लगे तो डाक्टर साहब को एक फोन कर संवाद करें।
इस कैलेंडर को गाजीपुर व बलिया मे वितरण करवानें के लिए ऊर्जावान युवकों/ युवतियों की आवश्यकता है। कैलेंडर पर वर्णित नंबर पर सम्पर्क, पारिश्रमिक चार अंकों में। यदि बात सही लगे तो डाक्टर साहब को एक फोन कर संवाद करें।

धनंजय ने पहले अपना नाम धर्मेन्द्र बताया था, लेकिन जब उसकी छोटी बहन नेहा से बात हुई तो उसने पूरी सच्चाई बताई। धनंजय अच्छे परिवार का पढ़ा लिखा लड़का है, लेकिन नशे की आदत ने उसकी हालत यह कर दी। वह दो बहनों का इकलौता भाई है। धनंजय पहले दिल्ली में नौकरी करता था, उसके बाद अंबाला आ गया, लेकिन पिछले दो साल से परिवार के साथ उसका कोई संपर्क नहीं था।



बहन वापस ले गई आजमगढ़

धनंजय अंबाला में भीख मांग कर गुजारा कर रहा था। गीता गोपाल संस्था के लोगों ने धनंजय के परिवार से संपर्क किया और उसकी बहन नेहा उसे अंबाला से वापस आजमगढ़ ले गई। परिजनों ने बताया की वो पिछले दो साल से लापता था।


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