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शुभम श्रीवास्तव जिसे जनपद रायबरेली की नगर कोतवाली व इंडस्ट्रियल एरिया थाना नें मिलकर दो महीने में घोषित किया नशे का सौदागर, सच्चाई 1% नही, क्या योगी जी करवाएंगे जांच?

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रायबरेली। उत्तर प्रदेश पुलिस के होनहारों द्वारा नये लड़कों को रेलवे स्टेशन य फिर उसके घर से उठाकर बरामदगी दिखाई जाती है वह भी इन होनहारों के दिमागी सोंच वाली जगह से जबकि उनकी इन किवदंतियों में 1% भी सच होता ही नही है।



आज हम आपको दिखाएंगे रायबरेली जनपद के दो थानों क्रमश्: कोतवाली नगर की एफ़ाइआर संख्या 09/23 व इंडस्ट्रियल एरिया की एफ़ाइआर संख्या 90/23 जिसमें एक जवानी की दहलीज पर पैर रखकर जीवन को शुरु ही किया था लेकिन रायबरेली पुलिस के दो होनहारों नें उक्त होनहार की शुरुवात ही बर्बाद कर दी।


इस कैलेंडर को गाजीपुर व बलिया मे वितरण करवानें के लिए ऊर्जावान युवकों/ युवतियों की आवश्यकता है। कैलेंडर पर वर्णित नंबर पर सम्पर्क, पारिश्रमिक चार अंकों में। यदि बात सही लगे तो डाक्टर साहब को एक फोन कर संवाद करें।
इस कैलेंडर को गाजीपुर व बलिया मे वितरण करवानें के लिए ऊर्जावान युवकों/ युवतियों की आवश्यकता है। कैलेंडर पर वर्णित नंबर पर सम्पर्क, पारिश्रमिक चार अंकों में। यदि बात सही लगे तो डाक्टर साहब को एक फोन कर संवाद करें।

शुभम श्रीवास्तव पुत्र राजेश कुमार श्रीवास्तव जो की काशीराम कालोनी खोर के निवासी हैं, जो व्यक्ति 20 साल तक की उम्र लगभग पार करनें तक कोई शिकायत नही थी लेकिन मात्र जनवरी 2023 में गांजा तस्कर कोतवाली नगर द्वारा घोषित किया जाता है तो फ़रवरी 2023 में इंडस्ट्रियल एरिया द्वारा शराब तस्करी का अभियोग लगाया गया है। जबकि सच व तहरीर से दूर दूर तक कोई रिश्त्ता ही नहीं है।



उपरोक्त वर्णित एफाईआर थाना कोतवाली रायबरेली में एक एसआई द्वारा लिखी गयी है। जिसमें वर्णित किसी भी फैक्ट में एक प्रतिशत भी सच्चाई नहीं है। जैसा तहरीर में मधुबन क्रासिंग के पास नये पुरवा को जाने वाले मार्ग पर दिखाया गया है। वहीं सच एकदम उलट है। शुभम को रेलवे स्टेशन के सामने पान की दुकान से तब एक कांस्टेबल द्वारा उठाया गया था जबकि शुभम जिला अस्पताल से घर जा रहा था।



कारण यह था कि शुभम की भाभी जिला महिला अस्पताल में भर्ती थीं। जैसा की तहरीर में गांजे की बरामदगी रायबरेली पुलिस के होनहारों नें दिखाया है। जबकि सच यह है कि शुभम रेलवे स्टेशन पर उस समय शराब के नशे में था लेकिन उसके पास किसी भी प्रकार का कोई भी मादक पदार्थ य झोला नही था ही नही।



जबकि यह दूसरी जिस एफ़ाइआर को उपर वर्णन किया गया है, इसके हर एक तथ्य में से किसी एक तथ्य में भी 1% भी सच्चाई नहीं है। जहाँ एक तरफ बरामदगी का स्थान अमावा रोड खसपरी के आगे दिखाया गया है। लेकिन सच ठीक उलट है, शुभम को एसपी आफिस में सत्यापन के नाम पर घर से 25 फ़रवरी की रात में उठाया गया था।



जहां कोतवाली में उत्पीड़न कर्ता दरोगा कोई सिंह साहब थे तो इंडस्ट्रियल एरिया में दरोगा पांडेय जी उत्पीड़न कर्ता रहे। अब सवाल यह है कि कोतवाली के केस के सत्यापन के लिए उठाये गये लड़के से इंडस्ट्रियल एरिया थाना में सादे पेपरों पर हस्ताक्षर  संबंधित जिम्मेदारों द्वारा करवाये गये थे।


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