फलाना दिखाना पर आखिरी सच प्रमुख की रिपोर्टिंग का प्रतिफल बूलगढ़ी केस में तीन लोग निर्दोष निकले।
हाथरस। 14 सितंबर 2020 को हाथरस जनपद के चंदपा थानें के अंतर्गत आनें वाले बूलगढ़ी गाव में सब कुछ रोजमर्रा की तरह चल रहा था कि एकाएक एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बखेड़ा खड़ा हो गया। जिसे भारतीय मीडिया जगत नें मिर्च मशाला लगाकर परोसा। जिसका नियोजन हाथरस के सांसद राजवीर दलेर की बेटी मंजू दलेर के पत्र से हुआ जिसमे एक प्रेमी जोड़े के प्रेम व सहवास को राजनैतिक ड्रामे में गैंगरेप व हत्या के प्रयास से जोड़कर दिखाया गया। जिसमें चार निर्दोषों को स्वयं के किये गुनाह की सजा दिलवाई गयी। मोदी मानिया का प्रताप
जिसपर हमारे संगठन के प्रमुख विनय श्रीवास्तव नें दिनांक 30 अक्टूबर 2020 से इस मुद्दे पर पड़ताल शुरु की जिसमे सबसे पहले फलाना दिखाना टीम के रूप में गाँव के प्रधान प्रतिनिधि रामकुमार सिसोदिया से बात हुई जिसमें संदीप व मनीषा के बीच प्रेम प्रसंग की बात व पंचायत होनें की बात सामनें आई, जिसपर गाँव की अन्य जातियों से भी बात करनें की बात हमारे प्रमुख द्वारा रामकुमार जी से कही गयी।
जिस पर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि रामकुमार सिसौदिया नें बूलगढी के कई नंबर उपलब्ध करवाये जिसमें ठाकुर, ब्राह्मण बाल्मीकि प्रजापति के नंबर दिये गये पड़ोसी गाँव के लोगों से चर्चा की गयी जिसमें तीन निर्दोषों को फंसाया गया था जो घटना स्थल पर थे ही नही।
यहां तक घटना के बाद लड़की मनीषा के साथ जब मारपीट उनके परिजनों द्वारा की गयी तो दुर्भाग्य से मनीषा को गहरी चोट लगने पर पानी लाकर देने वाले छोटू को भी सामूहिक बलात्कार का दोषी बनाया गया। वहीं गाँव मे घटना के समय न होने वालों को भी नामजद किया गया, कांग्रेस, सपा, बसपा व भाजपा सबका एक स्टैंड था चारो लड़के दोषी हैं चारों को फांसी चढ़ा दो।
