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गोंडा जेल के अंदर वकील को धमकी व उत्पीड़न जब वकील का यह हाल तो आमजन पर क्या बीतती होगी?

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गोंडा। अमित कुमार दुबे पुत्र श्री जे०पी० दूबे नि० मालवीय नगर गोण्डा। नें श्रीमान न्यायालय मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी महोदय के यहाँ  धारा 156/3 CRPC के अंतर्गत बनाम सुरेन्दु कुमार त्रिपाठी तत्कालीन डिप्टी जेलर जिला कारागार गोण्डा व एस०पी० मिश्रा तत्कालीन जेलर जिला कारागार गोण्डा। को प्रार्थना पत्र वास्ते कराए जाने विधि सम्मत विवेचना।


इस कैलेंडर को गाजीपुर व बलिया मे वितरण करवानें के लिए ऊर्जावान युवकों/ युवतियों की आवश्यकता है। कैलेंडर पर वर्णित नंबर पर सम्पर्क, पारिश्रमिक चार अंकों में। यदि बात सही लगे तो डाक्टर साहब को एक फोन कर संवाद करें।
इस कैलेंडर को गाजीपुर व बलिया मे वितरण करवानें के लिए ऊर्जावान युवकों/ युवतियों की आवश्यकता है। कैलेंडर पर वर्णित नंबर पर सम्पर्क, पारिश्रमिक चार अंकों में। यदि बात सही लगे तो डाक्टर साहब को एक फोन कर संवाद करें।

जिसमें वकील साहब नें श्रीमान न्यायालय से  सादर निवेदन किया है कि प्रार्थी पेशे से अधिवक्ता है और दीवानी कचहरी परिसर गोण्डा में विधि व्यवसाय करता है। दिनांक 21/12/2022 को प्रार्थी अपने क्लांइट से विधिक मुलाकात कर कुछ कागजात पर दस्तखत कराने व उसे जिला कारागार से, अग्रसारित करके सम्बंधित को अग्रसारित कराने के लिए निर्धारित समय, पर गया और प्रार्थना पत्र दिया परन्तु प्रार्थी का प्रार्थना पत्र गेटमैन ने अकारण वापस कर दिया।

गेटमैन के कहने पर प्रार्थी ने सम्बंधित प्रपत्र गेट मैन को देकर उसे मेरे क्लाइट से हस्ताक्षर करा कर ज़रिये जेल प्रसाशन सम्बंधित को अग्रसारित करने का अग्रह करके वापस आ गया। जानकारी हेतु गेटमैन ने 05262-231354 नं0 पर फोन करके जानकारी लेने या अगले दिन 2 बजे आने को कहा।



दिनांक 22 दिसम्बर 2022 को प्रार्थी ने कई बार दिए गए नंबर 05262-231354 पर फोन किया परन्तु फोन नहीं उठा। अधिवक्ता मुलाकात हेतु निर्धारित समय करीब 02 बजे प्रार्थी जेल गेट पर गया और कागज के सम्बंध में पूछा तो गेट मैन ने कहा कि अभी अधिकारी राउण्ड पर गए हैं कुछ देर बाद आईए प्रार्थी समय पर था इसलिए प्रार्थी ने अपने क्लाइट से विधिक मुलाकात करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया गेट मैन ने प्रार्थना पत्र लेकर जेल अधिकारियों को भेजा काफी समय इंतजार करने के बाद प्रार्थी ने गेट पर जा कर पूछा तो गेट मैन ने गेट खोल कर प्रार्थी को अन्दर आने को कहा।

प्रार्थी जेल के अन्दर जाकर हमेशा की तरह जेल गेट पर मौजूद रजिस्टर में अपनी इन्ट्री करने लगा तो गेट मैन ने प्रार्थी को इन्ट्री करने से स्पष्ट मना कर दिया। प्रार्थी जेल के अन्दर बने दूसरे गेट के अन्दर गया तो सामने मेज लगा कर दो व्यक्ति बैठे थे। जिनमें एक आदमी बिना वर्दी के व एक वर्दी में थे। प्रार्थी अन्दर गया तो दोनों व्यक्ति ने प्रार्थी से अपशब्द कहते हुए सामुहिक तौर से कहा कि तुम्हारे अकल है कि नहीं ऐसे कोई कागज गेट पर देकर चले जाओगे। प्रार्थी ने बताया कि श्रीमान जी में अधिवक्ता हू और यदि मुझसे मेरा क्लाइट कोई काम कहता है तो मैं उसे विधिक रूप से कराने हेतु बाध्य हूँ।


शुरुवात हुई एकजुटता की सवर्ण शेरों का नमन, विज्ञापन द्वारा रत्नेश पाण्डेय।
शुरुवात हुई एकजुटता की सवर्ण शेरों का नमन, विज्ञापन द्वारा रत्नेश पाण्डेय।

जिस पर जेल अधिकारी ने कहा मैं इसे नहीं भेजूंगा। प्रार्थी ने आग्रह किया कि ये मेरे क्लाइट का मूल व मौलिक अधिकार है तो सुरेन्दु कुमार त्रिपाठी तत्कालीन डिप्टी जेलर जिला कारागार गोण्डा व एस०पी० मिश्रा तत्कालीन जेलर जिला कारागार गोण्डा प्रार्थी को अपशब्द कहने लगे। फिर सामने रखी मूंगफली आगे बढ़ाते हुए बोले कि हम किसी के नौकर नहीं हैं। आप वकील हैं कुछ हम लोगों का भी ख्याल कीजिए तो भिजवा देंगे और फिर कागज अग्रसारित करने के लिए 5000 पाँच हजार रूपए की मांग करने लगे। जब प्रार्थी ने रूपए देने से मना किया और संविधान में प्रदत्त अधिकारों की बात की तो दोनों व्यक्ति प्रार्थी को अपमानित करते हुए अपशब्द कहने लगे और गालियां दी सुरेन्दु ने प्रार्थी का प्रार्थना पत्र फाड़ दिया और एस0 पी0 मिश्रा ने प्रार्थी का कवरिंग लेटर फाड़ दिया और धमकी दी कि जेल में दोबारा मुलाकात करने आए तो फर्जी मकदमा लिखा कर फसाने की धमकी दिए।



प्रार्थी काफी डर गया क्योंकि प्रार्थी को बिना गेट बुक पर इण्ट्री के ही दोनों लोगों ने साजिशन प्रार्थी को जेल के अन्दर बुलवाया है। ये लोगकुछ भी कर सकते हैं। अगर मेरी हत्या भी कर देते तो कोई कुछ नहीं कर पाता। बीते दिनों जेल में कैदियों के मारने का भी आरोप परिजनों द्वारा लगाया गया है। हो सकता है कि जेल में मरें कैदियों की मौत के पीछे भी इन्हीं लोगों का हाथ हो। उनकी बातों से लगा कि ये लोग जेल में मादक पदार्थ भी बिकवाते हैं। वैसे भी बिना गेट बुक पर इण्ट्री किए जेल के अंदर बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह है।



कथित घटना की पुष्टि जेल में लगे सी० सी० टी० वी० कैमरे की फुटेज से की जा सकती थी परन्तु अब तक कोई भी प्रार्थी से मिलने पूछने नहीं आया और न ही मुकदमा ही दर्ज किया गया। बाहर निकलने पर प्रार्थी को कैदियों के परिजनों से पता चला कि ये लोग हवालाती कैदियों से हाता के नाम पर 5000 से 10000 रूपए तक सुविधा शुल्क के नाम पर कैदियों से वसूलते हैं। ऐसे भ्रष्ट लोगों का पब्लिक डीलिंग वाले पद पर बने रहना बेहद शर्मनाक है।


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