झारखंड। गिरिडीह से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। दरअसल यहां पुलिस की छापेमारी के दौरान पुलिसकर्मियों के पैरों से कुचलकर 4 दिन के एक नवजात शिशु की मौत हो गई। वारदात के बाद से विपक्षी दल राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर हमलावर हैं। पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठा रहे हैं। इस बीच, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस केस की जांच के आदेश दे दिए हैं। ये खौफनाक वारदात गिरिडीह में देवरी पुलिस स्टेशन इलाके के कोशोदिन्घी गांव में हुई है। पुलिस एक गैर जमानती वारंट के केस में दो लोगों को पकड़ने के लिए एक घर में पहुंची थी। वारदात के बाद विपक्षी पार्टी बीजेपी ने सीनियर पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड करने की मांग की है।
नवजात के शरीर पर मिले चोट के निशान
गिरिडीह के एसपी अमित रेणू ने कहा कि आरोप है कि कोर्ट की तरफ से जारी दो गैर-जमानती वारंट को तामील कराने जब पुलिसकर्मी पहुंचे तो चार दिन के नवजात की मौत हो गई। शुरुआती जांच में नवजात के शरीर पर बाहरी चोट के निशान नहीं मिले हैं। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ भी कहने की स्थिति होगी कि क्या हुआ था?
मजिस्ट्रेट की निगरानी में होगा शव का पोस्टमॉर्टम
उन्होंने ये भी कहा कि डॉक्टरों की एक टीम मजिस्ट्रेट की निगरानी में शव का पोस्टमॉर्टम करेगी। इसकी वीडियोग्राफी भी की जाएगी। हमारे पास फिलहाल ऐसी जानकारी नहीं है कि पुलिस ने नवजात को कुचला हो। आरोप अगर सही मिले तो दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। एसपी अमित रेणू ने कहा कि 4-5 पुलिसकर्मी मृत नवजात के दादा भूषण पांडेय और एक अन्य आरोपी के खिलाफ गैर जमानती वारंट लेकर पहुंचे थे।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
गौरतलब है कि सीएम सोरेन ने वारदात का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। वायरल वीडियो में भूषण पांडेय को ये आरोप लगाते हुए सुना जा सकता है कि सुबह 3 बजकर 20 मिनट पर पुलिसकर्मियों ने उनके घर पर रेड डाली और दरवाजा नहीं खुलने पर जबरदस्ती खोला। मैं और घर की महिलाएं वहां से भाग गईं। घर में चार दिन का बच्चा सो रहा था, उन्होंने उसे मार दिया।