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भारत की खूबसूरती कैद करते ब्रिटिश नागरिक के गले लगी मौत, ऐसी दुर्घटनाओं का आखिर जिम्मेदार कौन?

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बनीखेत (इंदरजीत सिंह भुल्लर)। आज सुबह पर्यटन नगरी डल्हौजी के क्षेत्र बनीखेत में बैकुंठ नगर में एक बहुमंजिला इमारत में ब्रिटिश नागरिक की मोबाईल से वीडीयो कैद करते इमारत के साथ 11 के वी हाई वोल्टेज तारों के सम्पर्क में आने से मौत हो गई।



डीएसपी डल्हौजी ने मामले की पुष्टि करते हुये बताया कि दो ब्रिटिश नागरिक जो भारत भ्रमण पे थे, वे अपनी यात्रा के दौरान जिला चम्बा आये हुये वे, और रात्रि एक निजी होटल में ठहर कर सुबह अपनी अगली मंजिल की तरफ जाने वाले थे, इसी बीच बैकुंठनगर स्थित आर्शिवाद होटेल की छत पर कुछ फोटो और वीडीयो बनाने हेतु आये और मौके पर डेविड जॉन नामक नागरिक दुर्भाग्यवश छत के कुछ ही फुट दूर जा रही 11 के वी लाईन की तारों के सम्पर्क मे आ गया।

घटना के बाद ही गाड़ी चालक ने स्थानीय लोगों की मदद से बचाव कार्य किया पर विदेशी पर्यटक को बचाया नही जा सका। स्थानीय पुखरी पंचायत प्रधान, उप प्रधान भी मौके पर आ गये और स्थानीय पुलिस के साथ एसडीएम डल्हौजी और कुछ देर बाद डीसी चम्बा डी सी राणा भी मौके पर पहुंच गये और शव को पोस्टमार्टम के लिये जिला अस्पताल चम्बा भेजा गया।

उक्त घटनाक्रम ने एक बार फिर शाशन प्रशाशन की नाकामियों का उदाहरण पेश किया क्योंकि बहुंमजिला इमारते तो बनीखेत कस्बे में बेतहाशा बनाई जा रहीं हैं, परन्तु क्या किसी भी प्रकार के सुरक्षा नियम अपनाये जाने होते हैं, किसी भी निर्माण से पहले क्या पूरे किये थे? क्या भवन के उपर जा रही बिजली की हाईवोल्टेज तारों की दूरी कम थी तो भवन मालिक ने किस तरह इतनी उचांई तक मंजिले बनाई और अगर एन एच पी सी की लाईन जो लम्बे समय से वहां से गुजर रही है उसको निर्माण से पहले स्थांतरित क्यों नहीं किया गया। अरबों रुपयों के राजस्व देने वाली विद्युत परियोजनाऐं इस तरह के स्थानंतरणों की तरफ ध्यान क्यों नहीं देती? क्यों शासन, प्रशाशन और विभाग हमेशा पहले दुर्घटनाओं के होने का इंतजार में रहते हैं।



प्राप्त जानकारी अनुसार इसी भवन में कुछ माह पूर्व एक युवक तारों की चपेट में आने से बाल बाल बचा था, फिर उसके बाद भी किसी की नींद क्यों नहीं खुली और आज पर्यटन पे आये विदेशी मेहमान को अपने जीवन से हाथ धोना पड़ा।

अब देखना बस यह है कि प्रशाशन किसके खिलाफ क्या कदम उठाता है, इस मामले में दोषी किसको बनाया जायेगा ! क्योंकि कहीं न कहीं किसी की जिम्मेवारी तो बनती है, जिसमें भवन मालिक, स्थानीय एन एच पी सी विभाग और भवन निर्माण में एन ओ सी देने वाले सरकारी विभाग।


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