बागी बलिया की व्यवस्था से बागी कलम की व्यवस्था को नजीर सिखाती यथार्थ परक व प्राकृतिक सत्य, आवास नही बना हमारा, तकरीबन 14 महीनों से बहुत जगह चक्कर लगाया।
शाहजहांपुर से दिल्ली 60 रुपये में! दिल्ली के रायसीना रोड पर टहल रहा था तो अचानक से ये दादा जी डकरा गया। ‘बच्चा पेशाब करनी की जगह नही है क्या इधर? मैं अपने साथ ले गया और इनको सुलभ तक जा कर छोड़ आया। दादा जी के हाथ मे एक प्लास्टिक का थैला था। वो मुझे पकड़ा कर सुलभ की और चले गए।
बाहर आए तो कहते है, बेटा मंत्री जी का घर किधर पड़ेगा हमको बता दो। हम सुबह से इनका आवास ढूढं रहे है। पर हमको नही मिल रहा है। किसी से पूछ भी रहे है तो सब हमको पागल समझ के बिना हमारी बात सुने आगे बढ़ जा रहे है।
हमने बोला मंत्री? कौन-से मंत्री जी है नाम क्या है ? ‘मेनका गांधी जी’ जो है न वही तो मंत्री है हमारे यहां की। आपको नही पता?
क्या बात करनी है उनसे आपको जो इधर भटक रहे है आप?
शाहजहांपुर से दिल्ली 60 रुपये में!
दिल्ली के रायसीना रोड पर टहल रहा था तो अचानक से ये दादा जी डकरा गया। 'बच्चा पेशाब करनी की जगह नही है क्या इधर?
मैं अपने साथ ले गया और इनको सुलभ तक जा कर छोड़ आया। दादा जी के हाथ मे एक प्लास्टिक का थैला था। वो मुझे पकड़ा कर सुलभ की और चले गए। pic.twitter.com/gGdRoNSvtF
— नीरज सिंह (@Mr_neerajsinghh) May 9, 2023