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कर्नाटक में भाजपा ने हार मानी राहुल गांधी ने कहा- कर्नाटक में नफरत का बाजार बंद हुआ, मोहब्बत की दुकानें खुलीं।

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नई दिल्ली कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल करने के बाद शनिवार दोपहर करीब ढाई बजे कांग्रेस नेता राहुल गांधी मीडिया के सामने आए। राहुल ने 6 बार नमस्कार कहा। बोले- कर्नाटक में नफरत का बाजार बंद हुआ है, मोहब्बत की दुकानें खुली हैं। कर्नाटक ने दिखा दिया कि देश को मोहब्बत अच्छी लगती है।

राहुल के बयान से पहले दोपहर करीब एक बजे भाजपा ने कर्नाटक में हार स्वीकार कर ली। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि पूरे नतीजे आने के बाद हम समीक्षा की जाएगी और लोकसभा चुनाव में दमदार वापसी करेंगे।



इलेक्शन कमीशन के मुताबिक, कांग्रेस 73 सीटों पर जीती है और 63 पर आगे है यानी कुल 136 सीटें। भाजपा को 30 पर जीत मिली है और 34 सीटों पर आगे है यानी कुल 64 सीटें। जेडीएस 13 सीटें जीती है और 7 पर आगे है, कुल 20 सीटें। अन्य 4 सीटों पर जीती है।

पार्टी को बहुमत मिलने के बाद कर्नाटक कांग्रेस चीफ डीके शिवकुमार रो पड़े। उन्होंने कहा, “मैंने राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी को जीत का आश्वासन दिया था। मैं भूल नहीं सकता जब सोनिया गांधी मुझसे जेल में मिलने आई थीं, तब मैंने पद पर रहने के बजाय जेल में रहना चुना, पार्टी को मुझ पर भरोसा था।” कांग्रेस ने कल यानी रविवार को विधायक दल की बैठक बुलाई है।

कर्नाटक में बहुमत हासिल करने के बाद कांग्रेस का सोशल मीडिया पर रिएक्शन

कर्नाटक चुनाव के नतीजे कार्टूनिस्ट मंसूर नकवी की नजर से, कर्नाटक विधानसभा चुनाव रिजल्ट्स अपडेट…

कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार कनकपुरा सीट पर जीत गए हैं। वहीं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई शिगगांव से आगे चल रहे हैं।

जेडीएस नेता कुमारस्वामी चन्नापटना सीट पर आगे चल रहे हैं। जगदीश शेट्टार अपनी परंपरागत सीट हुबली-धारवाड़ पर पीछे चल रहे हैं। सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र ने कहा- मेरे पिता को मुख्यमंत्री बनना चाहिए। उधर, यूथ कांग्रेस अध्यक्ष श्रीनिवास बोले, “जय बजरंगबली, तोड़ दी भ्रष्टाचार की नली।”

तस्वीरों में कर्नाटक विधानसभा चुनाव रिजल्ट

राहुल गांधी ने दिल्ली के कांग्रेस कार्यालय पहुंचकर कहा- कर्नाटक में नफरत की दुकानें बंद हुई, मोहब्बत जीत गई।

राहुल गांधी ने दिल्ली के कांग्रेस कार्यालय पहुंचकर कहा- कर्नाटक में नफरत की दुकानें बंद हुई, मोहब्बत जीत गई।

बेंगलुरु में डीके शिवकुमार भावुक हो गए। कहा- कांग्रेस नेताओं को श्रेय देता हूं, जिन्होंने इतनी मेहनत की।

बेंगलुरु में डीके शिवकुमार भावुक हो गए। कहा- कांग्रेस नेताओं को श्रेय देता हूं, जिन्होंने इतनी मेहनत की।

दिल्ली कांग्रेस कार्यालय में जश्न के दौरान एक नेता पटाखा जलाते वक्त बाल- बाल बचे।

दिल्ली कांग्रेस कार्यालय में जश्न के दौरान एक नेता पटाखा जलाते वक्त बाल-बाल बचे।कांग्रेस नेता प्रियंका ने शिमला और जेडीएस नेता कुमारस्वामी ने बेंगलुुरु में मंदिर में दर्शन किए।

कांग्रेस नेता प्रियंका ने शिमला और जेडीएस नेता कुमारस्वामी ने बेंगलुुरु में मंदिर में दर्शन किए। सीएम बसवराज बोम्मई हुबली हनुमान मंदिर में दर्शन के लिए गए। कहा- भाजपा पूर्ण बहुमत से राज्य में सरकार बनाएगी।

सीएम बसवराज बोम्मई हुबली हनुमान मंदिर में दर्शन के लिए गए। कहा- भाजपा पूर्ण बहुमत से राज्य में सरकार बनाएगी। बेंगलुरु में वोटों की काउंटिंग के दौरान भाजपा के बेस कैंप में सांप निकल आया।

बेंगलुरु में वोटों की काउंटिंग के दौरान भाजपा के बेस कैंप में सांप निकल आया।

राज्य में 38 साल से सत्ता रिपीट नहीं हुई राज्य में 38 साल से सत्ता रिपीट नहीं हुई है। आखिरी बार 1985 में रामकृष्ण हेगड़े के नेतृत्व वाली जनता पार्टी ने सत्ता में रहते हुए चुनाव जीता था। वहीं, पिछले पांच चुनाव (1999, 2004, 2008, 2013 और 2018) में से सिर्फ दो बार (1999, 2013) सिंगल पार्टी को बहुमत मिला। भाजपा 2004, 2008, 2018 में सबसे बड़ी पार्टी बनी। उसने बाहरी सपोर्ट से सरकार बनाई।

पहली बार 73.19% मतदान, पिछले चुनाव से 1% ज्यादा

10 मई को 224 सीटों के लिए 2,615 उम्मीदवारों के लिए 5.13 करोड़ मतदाताओं ने वोट डाले। चुनाव आयोग के मुताबिक, कर्नाटक में 73.19% मतदान हुआ है। यह 1957 के बाद राज्य के चुनावी इतिहास में सबसे ज्यादा है।

एग्जिट पोल भी क्लियर नहीं… जानें किसको कितनी सीटों का अनुमान था

पोल ऑफ पोल्स के मुताबिक, भाजपा 91, कांग्रेस 108, JDS 22 और अन्य को 3 सीट मिलने का अनुमान है।

कई बड़े चेहरों की किस्मत दांव पर, इनमें 4 सीएम फेस भी, इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के कई बड़े चेहरों का राजनीतिक भविष्य दांव पर लगा है। कांग्रेस के सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार, भाजपा के बसवराज बोम्मई प्रमुख फेस हैं। अगर इनकी पार्टी चुनाव जीतती है तो ये सीएम हो सकते हैं। वहीं, भाजपा से येदियुरप्पा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए भी यह बेहद अहम चुनाव है। खड़गे का कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर टेस्ट है। अगर वे कांग्रेस की सरकार बना ले जाते हैं तो पार्टी में उनका कद बढ़ जाएगा। वहीं, येदियुरप्पा पर भाजपा ने पीएम मोदी के बाद सबसे ज्यादा भरोसा किया है।


इस कैलेंडर को गाजीपुर व बलिया मे वितरण करवानें के लिए ऊर्जावान युवकों/ युवतियों की आवश्यकता है। कैलेंडर पर वर्णित नंबर पर सम्पर्क, पारिश्रमिक चार अंकों में। यदि बात सही लगे तो डाक्टर साहब को एक फोन कर संवाद करें।
इस कैलेंडर को गाजीपुर व बलिया मे वितरण करवानें के लिए ऊर्जावान युवकों/ युवतियों की आवश्यकता है। कैलेंडर पर वर्णित नंबर पर सम्पर्क, पारिश्रमिक चार अंकों में। यदि बात सही लगे तो डाक्टर साहब को एक फोन कर संवाद करें।

2018 में भाजपा को बहुमत नहीं… फिर भी सरकार बनाई

2018 में भाजपा ने 104, कांग्रेस ने 78 और JDS ने 37 सीटें जीती थीं। किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था। भाजपा से येदियुरप्पा ने 17 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन सदन में बहुमत साबित न कर पाने की वजह से 23 मई को इस्तीफा दे दिया। इसके बाद कांग्रेस-JDS की गठबंधन सरकार बनी।

14 महीने बाद कर्नाटक की सियासत ने फिर करवट ली। कांग्रेस और JDS के कुछ विधायकों की बगावत के बाद कुमारस्वामी को कुर्सी छोड़नी पड़ी। इन बागियों को येदियुरप्पा ने भाजपा में मिलाया और 26 जुलाई 2019 को 119 विधायकों के समर्थन के साथ वे फिर मुख्यमंत्री बने, लेकिन 2 साल बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। भाजपा ने बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री बनाया।


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