जातिगत आरक्षण एवं एससी- एसटी एक्ट की समाप्ति एवं गरीब संरक्षण व संवर्धन एक्ट बनाये जाने को आरक्षण विरोधियों ने जंतर मंतर से भरी हुंकार, सौंपा ज्ञापन।
राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के नाम सौपा गया ज्ञापन।
विभिन्न प्रदेशों से समान विचारधारा के संगठनों के पदाधिकारियों ने दिल्ली पहुंच लिया भाग।
जातिगत आरक्षण एवं एससी एसटी एक्ट की समाप्ति एवं गरीब संरक्षण व संवर्धन एक्ट बनाये जानें की बात रही प्रमुख मांग।
सामान्य वर्ग के साथ हर क्षेत्र में हो रहे भेदभाव, पक्षपात, उत्पीड़न दमन व शोषण के विरुद्ध सवर्ण आयोग गठन का आरक्षण विरोधी संयुक्त मोर्चा ने किया मांग।
प्रदर्शनकारियों नें सरकार व विपक्ष को चेतावनी देते हुए कहा यदि हमारी मांग नही हुई पूरी तो चुनाव में दबाएंगे नोटा।
नई दिल्ली। जंतर मंतर पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर समानता के अधिकारों की मांगों को लेकर, राष्ट्रीय आरक्षण विरोधी संयुक्त मोर्चा के द्वारा प्रधानमंत्री के नाम सौंपा गया ज्ञापन, सामान्य वर्ग के साथ हर क्षेत्र में हो रहे भेदभाव, पक्षपात, उत्पीड़न, दमन व शोषण के विरुद्ध सवर्ण आयोग गठन की गयी मांग, संदर्भ में जानकारी देते हुए राष्ट्रीय सवर्ण समाज संघ प्रदेश अध्यक्ष बिहार सह कलमकार कुमार चन्द्र भुषण तिवारी के द्वारा बताया गया, की देश के सत्तासीन पार्टियों सहित,देश के सभी राजनीतिक पार्टियों द्वारा सामान्य वर्ग के अधिकारों का हनन करने के लिए, जातिगत कानूनों एवं जातिगत व्यवस्था निर्धारण कर सामान्य वर्ग के साथ भेदभाव पक्षपात पूर्ण रवैया उत्पीड़न दमन व शोषण किया जा रहा है। जिसके विरुद्ध समानता के अधिकारों की मांगों को लेकर, जय क्रांति मिशन के राष्ट्रीय संयोजक अरुणेश मिश्र के आवाहन पर, देश भर के सामान्य विचारधारा के संगठनों (आरक्षण विरोधी संयुक्त मोर्चा के) द्वारा नई दिल्ली जंतर मंतर पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया।
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— Vinay Srivastava (@me_Vinayrbl) August 18, 2023
संबंध में राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री प्रतिनिधि को आवेदन सौंपते हुए, आवेदन के माध्यम से अवगत कराया गया कि जातिगत आरक्षण से देश में प्रतिदिन सामान्य वर्ग के युवाओं के प्रतिभा की हत्या की जा रही है। वही एससी एसटी एक्ट के दुरुपयोग से सामान्य वर्ग का लगातार उत्पीड़न किया जा रहा है। यहां तक की पूरे देश में आरकषित 131 लोकसभा एवं 1250 विधानसभा क्षेत्र की लगभग 60 करोड़ जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों का भी हनन किया जा रहा है। क्योंकि वहां की सामान्य वर्ग की जनता सिर्फ वोट देती है, उसे अपने क्षेत्र से चुनाव लड़ने का अधिकार भी नहीं है। जबकि पूरे विश्व में इस तरह की व्यवस्था किसी भी देश में नहीं है।
सरकार व विरोधी कर रहे दोगला व्यवहार
यह समान्य, ओबीसी एवं अल्पसंख्यक वर्ग की जनता के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। इसकी पूर्ण जानकारी इस तथ्य से भलीभांति अवगत है, कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। देश के प्रत्येक नागरिक को बिना जातीय, लैंगिक, क्षेत्रीय, धार्मिक भेदभाव के समान अवसर मिलना लोकतंत्र का मूल सिद्धांत है। लेकिन भारत में लोकतंत्र के नाम पर बनी सांसद द्वारा लोकतंत्र के मूल सिद्धांत समानता की निरंतर हत्या किया जा रहा है। आपको यह भी स्मरण होगा कि अब तक के अनुसार दलित और पिछड़ा वर्ग को मिलाकर 50% आरक्षण दिया जा रहा है। जबकि शेष बची आबादी तथाकथित सामान्य वर्ग के साथ अपने देश में गुलामों जैसा व्यवहार किया जाने लगा है। बात यहीं पर समाप्त नहीं होती है, अभी भी राजनीतिक दल आरक्षण की सीमा 50% से अधिक करना चाहते हैं। जबकि सर्वोच्च न्यायालय इसे असंवैधानिक घोषित कर चुका है।
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सजातीय नेता हुए मौन
पर अत्यंत दु:खद स्थिति यह है कि हमारे लगभग सभी संसद सदस्य वोट बैंक के अंतहीन लालच में, तरह-तरह के जातीय कानून बनाकर सामान्य वर्ग के नागरिकों, युवाओं, छात्रों, गरीबों, मजदूरों, किसानों, कर्मचारीयों और यहां तक की रोगियों तक के साथ शिक्षा, न्याय, नौकरी, प्रमोशन, राजनीतिक, छात्रवृत्ति, चिकित्सा मुआवजा आदि में चौतरफा भेदभाव कर रहे हैं। तथा सभी अवसरों से वंचित कर जानबूझकर उपेक्षित कर रहे हैं। वैसे भी जब देश के सर्वोच्च पद पर अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति के रूप में माननीया महामहिम राष्ट्रपति महोदया एवं अति पिछड़ा व्यक्ति के रूप में आप स्वयं दूसरी बार प्रधानमंत्री पद पर आसीन है, तो संपन्न दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों को आरक्षण देना घोर बेईमानी है, जो कि लोकतंत्र पर धब्बा है।
मंडल एक्ट व मोदी बम ने किया गैर दलितों का बेदागर्क
आपको यह बताना चाहते हैं कि हमारे समक्ष अनेकों उदाहरण है जिस में दलितों द्वारा सवर्णो के साथ लड़ाई झगड़ा करने एवं मारपीटकर एससी एसटी एक्ट में केस किया जाता है, जिसमें सामान्य वर्ग को ही जेल भी जाना पड़ता है। पर एससी एसटी वर्ग के द्वारा झूठा मुकदमा लिखवाने के बावजूद भी 850000 रुपए सरकार के द्वारा देकर मनोबल को बढ़ाया जाता है।
आरक्षित सीटों पर यह करे सरकार व विपक्ष
अतः हम आपसे मांग करते हैं, कि देश की आरक्षित 131 लोकसभा एवं 1250 विधानसभा सीट को सामान्य बनाया जाए। जब तक आरक्षित सीटों को सामान्य नहीं बनाया जाता है तब तक पंचायती राज्य चुनाव की तरह प्रक्रिया में लाया जाए। जिस प्रकार आरक्षित सीटों पर सामान्य ओबीसी वर्ग चुनाव नहीं लड़ सकता है, उसी तरीके से अनारक्षित सीटों पर आरक्षित वर्ग को चुनाव न लड़ने से संबंधित निर्देश जारी किया जाए।
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— Vinay Srivastava (@me_Vinayrbl) August 18, 2023
प्रमोशन में झुनझुना गलत योग्यता का हो रहा दमन
प्रमोशन में आरक्षण पूरे देश की केंद्र एवं राज्य सरकार के सरकारी नौकरियों में खत्म किया जाए, एवं वरिष्ठता के क्रम के आधार पर प्रमोशन दिए जाने का आदेश दिया जाए। जनसंख्या नियंत्रण कानून देश में अति शीघ्र लागू किया जाए, जिससे महंगाई एवं बेरोजगारी पर लगाम लगाया जा सके।
एक्ट्रॉसिटी एक्ट का मुकदमा फर्जी हो तो संविधान में यह हो नियम
एससी एसटी एक्ट का मुकदमा फर्जी पाए जाने एवं कोर्ट से दोषमुक्त किए जाने के पश्चात वादी को दिए जाने वाले रकम का 10 गुना प्रतिवादी को दिया जाए व फर्जी वाद करने वाले पर 420 व 120ब का मुकदमा दर्ज कर अजीवन कारावास की व्यवस्था संविधान में की जाय जिससे फर्जी मुकदमे दर्ज किए जाने पर रोक लग सकें।
विद्वैश पूर्ण नियम तत्काल किये जाये समाप्त इससे बढ़ रही सामाजिक विकृति
यदि समान नागरिक संहिता केंद्र सरकार द्वारा देश में लागू किया जाता है तो जातिगत आरक्षण एवं एससी एसटी एक्ट को खत्म करते हुए देश में बनाए गए जातिगत एवं धर्मगत आयोग को भी समाप्त किया जाए, यदि ऐसा नहीं होता है तो सभी आयोगों की तरह सामान्य वर्ग आयोग का भी गठन किया जाए जो जनहित और राष्ट्रहित में होगा।
18 अगस्त जंतर मंतर चलो pic.twitter.com/S9SefbeJou
— अरुणेश मिश्र जय क्रांति मिशन (@Arunesh54476758) August 17, 2023