उन्नाव। नवाबगंज ग्राम के ग्राम भैसोरा निवासी अनिरुद्ध कुमार बाजपेई के परिवार की अंत्यहीन कहानी उनकी पत्नी की जुबानी, जैसा उनकी पत्नी ने अपने परिवार की पीडा व स्थानीय निकाय व प्रशासन की उदासीनता बताई वह काबिले गौर है जो यह साबित करनें के लिए पर्याप्त है की स्थानीय सरकार से लेकर प्रदेश व देश के जिम्मेदार कैसे सवर्ण व ब्राह्मण को मिटाने को आतुर हैं।
बहुत ही गरीब ब्राह्मण परिवार है आवास ना मिलने के के कारण परिवार पालीथीन में रहने को विवश है यह लोग भूमिहीन है, और कुष्ठ रोग से पीड़ित है, इनका कहना है कि ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम प्रधान और रोजगार सेवक भी साथ में आते हैं और लेखपाल भी आते हैं फोटो खींचकर हर बार ले जाते हैं आश्वासन देकर चले जाते हैं हमारे ग्राम सभा भैसोरा में जबकि भारी बरसात के समय पर मकान गिरे।
मकान गिरने के बाद मकानो का सर्वे किया। गया। इसका नाम नहीं आया। जिन लोगों के नाम आए। उनके डबल मंजिल मकान पक्के भी बने हैं। उनकी फोटो दूसरे लोगों की दीवार के सामने से खींचकर उनका नाम आ गया सूची मे.. और जो पात्र हैं। नहीं जबकि सर छुपाने को छत नही है पैसा न दे पाने के कारण यह परिवार किसी योजना का पात्र नहीं हैं।
जबकि इसी ग्राम पंचायत में अपात्रों को सुविधा शुल्क लेकर आवास लेखपाल ग्राम पंचायत के सचिव प्रधान और रोजगार सेवक की मदद से दिए जा रहे हैं। सन 2017 और 18 सूची में नाम होने के बावजूद भी इन लोगों का नाम हटा दिया गया था।
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