अखिल भारतीय जनसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य भारतभूषण पाण्डेय ने तमिलनाडु सरकार के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म को नष्ट करने संबंधी बयान पर कड़ा प्रतिवाद करते हुए सर्वोच्च न्यायालय से संज्ञान लेने का अनुरोध किया है।
जनसंघ अध्यक्ष ने कहा कि उदयनिधि जो मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के पुत्र भी हैं, ने संविधान और सेकुलरिज्म की धज्जियां उड़ाते हुए जिस प्रकार का बयान दिया है उस पर उसे एक क्षण भी संवैधानिक पद पर रहने का अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा कि स्टालिन पिता पुत्र की जोड़ी संविधान में स्वीकृत राष्ट्रभाषा हिन्दी और संविधान प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों का जिस प्रकार विरोध कर रहे हैं वह अत्यंत निंदनीय है किंतु आश्चर्य की बात है कि संविधान और लोकतंत्र की रक्षा की दुहाई देने वाले सभी विपक्षी दल इनका मौन समर्थन कर रहे हैं।
क्या यही राहुल गांधी का भारत जोड़ो अभियान है? क्या हिंदुत्व पर कुठाराघात करनेवाले घोर वंशवादी और राजनीति को भ्रष्टाचार का पर्याय बनाने वाले अराजक तत्त्वों को देश की सत्ता प्राप्त करने का नैतिक अधिकार है?
सनातन धर्म का उन्मूलन नाम से संगोष्ठी और कार्यक्रम का आयोजन स्टालिन और तथाकथित प्रगतिशील लोगों की भारत- विरोधी गतिविधियों का वृत्त और भविष्य की कार्ययोजना है। यह अन्य किसी पंथ या देश में संभव है क्या?
जनसंघ अध्यक्ष ने कहा कि लालू प्रसाद अपने पुत्र के साथ सिद्धिविनायक का दर्शन करते हैं और स्टालिन के हिंदू धर्म विरोधी अभियान का संरक्षण करते हैं। उन्होंने उद्धव ठाकरे से अपील की कि तुच्छ सत्ता और वोटों के लिए अपने पिता बाल ठाकरे की कीर्ति को कलंकित न करें और इन भारत विरोधी इंडिया गठबंधन से बाहर आकर हिंदू फ्रंट का नेतृत्व करें।