जुगुल किशोर मंदिर में जन्माष्टमी को हुए ड्रामे का सच, विवाद सरकारी हिंदू बनाम वास्तविक हिंदू, प्रमुख नियोजक ब्रजेश प्रताप सिंह मंत्री मध्य प्रदेश शासन।
पन्ना। बुंदेलखंड के प्रसिद्ध जुगल किशोर मंदिर में एक सत्ता नियोजित अफवाह फैलाई गयी जिसमे पन्ना राजघराने की महारानी जितेश्वरी देवी ने कृष्ण जन्माष्टमी पर हंगामा कर दिया। कृष्ण जन्मोत्सव रात 12 बजे शुरू हुआ। इस दौरान जितेश्वरी देवी आरती के बीच से उठीं और गर्भगृह में जाकर पुजारी से चंवर छुड़ा लिया। फिर भक्तों की तरफ देखकर गलत तरीके से चंवर डुलाने लगीं। सत्ता नियोजित इस अफवाह का सच केवल हम आपको दिखाएंगे जिसमे इस पुरे ड्रामे के सूत्रपात व नियोजन प्रमुख मध्य प्रदेश सरकार के खनिज मंत्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह का वास्तविक चेहरा समाज के सामने लाएंगे।
सत्ता नियोजित शिकायत जो पंजीकृत हुई
मंदिर स्थापना का इतिहास
जुगल किशोरजी मंदिर का निर्माण पन्ना के चौथे बुंदेला राजा राजा हिंदूपत सिंह ने अपने शासनकाल के दौरान 1758 से 1778 तक किया था। किंवदंतियों के अनुसार, इस मंदिर के गर्भगृह में रखी गई मूर्ति को ओरछा के रास्ते ब्रिंदावन से लाया गया है। स्वामी के आभूषण और पोशाक बुंदेलखंडी शैली को दर्शाते हैं। मंदिर में बुंदेला मंदिरों की सभी स्थापत्य विशेषताएं हैं, जिसमें एक नट मंडप, भोग मंडप और प्रदक्ष्णा मार्ग शामिल हैं।
मंदिर दर्शन का समय
मंदिर दर्शन का समय प्रतिदिन सुबह 5 बजे,सुबह 7 बजे,दोपहर 12 बजे और शाम 7 बजे से कपाट बंद होने तक का है।
मंदिर में गर्भ गृह है ही नहीं
आखिरी सच की पड़ताल में यह निकलकर आया है कि जुगल किशोर मंदिर में कोई गर्भ गृह है ही नहीं, जबकि गर्भ गृह बलदेव मंदिर में है। दूसरी बात राधा रानी के वस्त्रो को कौन बदलवाता है क्या पुजारियों के बीच कोई महिला पुजारी है क्या?
मंत्री के नियोजन में हुआ सारा ड्रामा
सत्तासीन पार्टी के खनिज मंत्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह के नियोजन में इस प्रकार यह ड्रामा नियोजित किया गया कि मंत्री जी शाम सात बजे की आरती में सम्मिलित हुए वही आठ बजे फिर मंत्री जी ने मंदिर प्रबंधन व प्रशासन के साथ बैठक करके इस ड्रामे का सूत्रपात किया व तय समय पंद्रह मिनट से पहले उक्त आरती का कार्यक्रम करवाया गया। जिसके बाद मंत्री जी वहाँ से निकल लिए थे।
क्या है घटना का स्याह सच
तथाकथित श्रद्धांलुओं (मंत्री प्रायोजित गुंडों) ने उनको गर्भगृह से बाहर करने की आवाजें लगाईं। पुजारी और वहां मौजूद लोगों ने जितेश्वरी देवी को गर्भगृह से बाहर करने की कोशिश की। इस दौरान वह गिर गईं। उन्हें पुलिस की मदद से घसीटकर बाहर किया गया। उन्होंने पुलिस से भी अभद्रता की यह समस्त अभियोग केवल सत्ता नियोजित शाजिस के तहत मंत्री जी के नियोजन में लगाए गए।
आरती रुकने की फैलाई गयी अफवाह
तथाकथित पूजन में विघ्न के कारण पुजारी ने आरती बीच में ही रोक दी। तथाकथित भक्तों में काफी आक्रोश पनपा, उन्होंने मंत्री ब्रजेन्द्र प्रताप के अनुसार पन्ना के इतिहास में इसे सबसे निंदनीय घटना बताया है। मंदिर समिति के प्रबंधक संतोष कुमार तिवारी ने मंत्री जी के निर्देशन में पुलिस को बताया कि महारानी शराब के नशे में थीं।
जमानत मिल गयी हैं राजमाता इस पूरे प्रकरण में राज्य सरकार के सुयोग्य मंत्री @Bpsingh_bjp का नियोजन है राजमाता के वैधव्य के पीछे भी मंत्री जी का नियोजन है कहाँ गए ठाकुर बाभन करने वाले धूर्त वीडियो भी @AakhiriSach_ ने संकलन करवाए जल्द ही हम @ChouhanShivraj सरकार को नँगा करेंगे। pic.twitter.com/432MJ2sheB
— Vinay Srivastava (@me_Vinayrbl) September 10, 2023